बिहार : मंत्री गैजेट लेने में आगे, ट्रेनिंग में पीछे
पटना: दिन-बुधवार, समय- सुबह नौ बजे. मौर्या होटल के सभागार में मंत्रियों के लिए कंप्यूटर और मोबाइल की कक्षा लगी, लेकिन 32 मंत्रियों में सिर्फ नौ ही उपस्थिति हुए. इनमें भी चार मंत्री ट्रेनिंग प्रोग्राम के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के निकलते ही उनके साथ हो लिये. बचे पांच मंत्रियों में एक […]
पटना: दिन-बुधवार, समय- सुबह नौ बजे. मौर्या होटल के सभागार में मंत्रियों के लिए कंप्यूटर और मोबाइल की कक्षा लगी, लेकिन 32 मंत्रियों में सिर्फ नौ ही उपस्थिति हुए.
इनमें भी चार मंत्री ट्रेनिंग प्रोग्राम के उद्घाटन के बाद मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के निकलते ही उनके साथ हो लिये. बचे पांच मंत्रियों में एक को छोड़ कर किसी ने ट्रेनिंग लेने में रुचि नहीं ली. वे मोबाइल पर व्यस्त रहे. राज्य सरकार ने सभी मंत्रियों को घर व ऑफिस में इंटरनेट कनेक्शन सहित कंप्यूटर, लैपटॉप, आइ फोन दे रखे हैं. इन उपकरणों के संचालन में उन्हें दक्ष बनाने के लिए आइटी विभाग यह ट्रेनिंग प्रोगाम आयोजित किया था.
इसमें मंत्रियों को ट्रेनिंग देने के लिए राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिकी व सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइइएलक्ष्टी) और विभाग के एक्सपर्ट को लगाया गया था. ट्रेनिंग प्रोग्राम में विभागीय मंत्री शाहिद अली खान, नगर विकास व आवास मंत्री राकेश कुमार उर्फ सम्राट चौधरी, श्रम संसाधन मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी, पंचायती राज मंत्री विनोद प्रसाद यादव और अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नौशाद आलम ही अंतिम पीरियड तक रुके रहे. पीएचइडी मंत्री डॉ महाचंद्र प्रसाद सिंह, शिक्षा मंत्री वृशिण पटेल, पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री बैजनाथ सहनी और भवन निर्माण मंत्री दामोदर राउत ट्रेनिंग सत्र शुरू होने से पहले ही निकल लिये.
मंत्रियों की पाठशाला में आठ टेबल लगाये गये थे, जिन पर लैपटॉप रखा गया था. एक टेबल पर चार-चार मंत्रियों को ट्रेनिंग लेनी थी, श्रम संसाधन मंत्री दुलाल चंद गोस्वामी को छोड़ दूसरे किसी मंत्री ने वहां बैठक कर सीखने की इच्छा नहीं जतायी. कुछ तो अपने मोबाइल पर व्यस्त दिखे, वहीं कुछ कहते रहे कि ऐसा प्रोग्राम एक दिन नहीं, कम-से-कम दो-तीन दिन लगातार होना चाहिए. लेकिन ऐसा कहनेवाले मंत्री ही ट्रेनिंग सेशन शुरू होने से पहले ही निकल गये. कई मंत्री नहीं आये और जो चले गये वे अपने प्रतिनिधि के रूप में अपने आप्त सचिव को छोड़ कर भी गये. आप्त सचिव ही ट्रेंड होकर मंत्रियों को ट्रेनिंग दे देंगे.
मंत्री जतायेंगे इच्छा, तो विभागों में भेजे जायेंगे एक्सपर्ट : शाहिद अली खान
सूचना व प्रावैधिकी मंत्री शाहिद अली खान ट्रेनिंग प्रोग्राम में मंत्रियों की गैरमौजूदगी पर बचाव करते भी दिखे. उन्होंने कहा कि कुछ मंत्री व्यस्तता के कारण नहीं आ सके. जो लोग उद्घाटन के बाद चले गये हैं, वे वापस आयेंगे. यह ट्रेनिंग प्रोग्राम मंत्रियों को टेक्नोलॉजी के बारे में बताने के लिए था. अगर कोई मंत्री अपने विभाग में ही रह कर सीखने की इच्छा जताते हैं, तो सूचना व प्रावैधिकी विभाग से एक्सपर्ट को भेजा जायेगा. इस प्रोग्राम के माध्यम से इसकी शुरुआत हो गयी है. इससे पूरे बिहार के लोग जागरूक होंगे.