छठ पूजा के मौके पर नाकाफी साबित हुई है रेलवे की व्यवस्था
नयी दिल्ली : भारतीय रेल को विश्वस्तरीय बनाने के दावों के बीच हर साल की तरह छठ पूजा के लिए बिहार एवं पूर्वांचल जाने वाले यात्रियों के लिए व्यवस्था नाकाफी रही है. दिल्ली के विभिन्न स्टेशनों पर अफरातफरी के आलम के बीच आरक्षित और अनारक्षित कोच में कोई अंतर नहीं रह गया है. कल, नयी […]
नयी दिल्ली : भारतीय रेल को विश्वस्तरीय बनाने के दावों के बीच हर साल की तरह छठ पूजा के लिए बिहार एवं पूर्वांचल जाने वाले यात्रियों के लिए व्यवस्था नाकाफी रही है.
दिल्ली के विभिन्न स्टेशनों पर अफरातफरी के आलम के बीच आरक्षित और अनारक्षित कोच में कोई अंतर नहीं रह गया है. कल, नयी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बिहार जाने वाली एक ट्रेन में सवार होने का प्रयास कर रहे एक व्यक्ति की मौत हो गयी और एक अन्य घायल हो गया.
छोटे- छोटे बच्चों को कहां बिठायें यह समस्या है क्योंकि उनकी सीट पर पहले से लोग बैठ गये हैं. अनारक्षित कोच की स्थिति तो और भी खराब है. ट्रेन में दो से चार की संख्या में ही अनारक्षित कोच होते हैं जबकि इस पर सवार होने के लिए बड़ी संख्या में लोग प्लेटफार्मों पर घंटों से लाइन लगाकर खड़े रहते हैं. इन कोच में स्थिति ऐसी है कि लोग शौचालयों में भी बैठे दिख रहे हैं.
विशेष ट्रेनों के अलावा भीड़ को देखते हुए नियमित ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाये जा रहे हैं. भीड़ के सामने रेलवे के तमाम प्रयास नाकाफी साबित हो रहे हैं. कंफर्म टिकट होने के बावजूद लोगों को सीट नहीं मिल रही है. कुछ यात्री टिकट होने के बावजूद ट्रेन पर सवार नहीं हो पा रहे हैं.
ऐसे ही एक यात्री ने कहा कि तडके तीन बजे से लाइन में खडे होकर तत्काल टिकट लिया था लेकिन ट्रेन में अंदर नहीं जा सका. यात्रियों की मशक्क्त स्टेशन परिसर में प्रवेश करने के साथ शुरु हो जाती है जब उन्हें अपने सामान की जांच के लिए लम्बी लाइन में लगना पडता है.
प्लेटफार्म तक पहुंचने और ट्रेन आने पर उसमें प्रवेश करने के लिए आपाधापी शुरु हो जाती है. यात्रियों की शिकायत यह है कि दो महीने पहले टिकट लेने का कोई लाभ नहीं मिल पा रहा है क्योंकि उनका सफर काफी तकलीफदेह साबित हो रहा है. तत्काल समेत ट्रेन के टिकट की कीमत तो बढी है लेकिन सुरक्षा और सुविधाएं ज्यों की त्यों बनी हुई हैं.