बिहार के 17 विभागों के पास एसी-डीसी बिल का 13 हजार करोड़ बकाया, यूसी हुआ 92 हजार करोड़ का

राज्य सरकार ने अपने विभागों में बकाया एसी-डीसी बिल और खर्च की गयी राशि के बदले उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) जमा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. राज्य में 17 विभाग ऐसे हैं, जिनके पास सबसे ज्यादा एसी-डीसी बिल का बकाया है, जबकि 16 विभाग ऐसे हैं, जिन्होंने विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च की गयी राशि के बदले में सरकार को यूसी जमा नहीं किया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 3, 2021 11:09 AM

पटना. राज्य सरकार ने अपने विभागों में बकाया एसी-डीसी बिल और खर्च की गयी राशि के बदले उपयोगिता प्रमाणपत्र (यूसी) जमा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है. राज्य में 17 विभाग ऐसे हैं, जिनके पास सबसे ज्यादा एसी-डीसी बिल का बकाया है, जबकि 16 विभाग ऐसे हैं, जिन्होंने विभिन्न योजनाओं के तहत खर्च की गयी राशि के बदले में सरकार को यूसी जमा नहीं किया है.

अब भी 17 विभागों में करीब 13 हजार करोड़ रुपये और 92 हजार करोड़ रुपये का यूसी बकाया है. इस मामले को लेकर मुख्य सचिव त्रिपुरारी शरण की अध्यक्षता में शुक्रवार को सभी संबंधित विभागों के प्रमुखों के साथ एक अहम बैठक हुई. इस दौरान सभी विभागों को जल्द- से -जल्द बकाया राशि को एडजस्ट या समायोजित करने का आदेश दिया गया है. यह बकाया राशि मार्च 2021 तक की है. समीक्षा के दौरान यह बात सामने आयी कि सबसे ज्यादा राशि पंचायती राज विभाग में बकाया है.

इसके बाद आपदा प्रबंधन विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे विभागों में भी काफी बड़ी राशि बकाया है. मुख्य सचिव ने इनका समायोजन जल्द से करने का निर्देश सभी संबंधित विभागों को दिया है. साथ ही वित्त विभाग के प्रधान सचिव को यह जिम्मेदारी सौंपी है कि वे सभी संबंधित विभागों के साथ नियमित तौर पर समीक्षा करते हुए इसका समायोजन कराएं.

इन 17 विभागों का इतना बकाया एसी-डीसी बिल

आपदा प्रबंधन विभाग का छह हजार 790 करोड़ रुपये, शिक्षा का 988 करोड़, योजना ए‌वं विकास विभाग का 504 करोड़, निर्वाचन विभाग का 394 करोड़, गृह विभाग का 385 करोड़, एससी-एसटी कल्याण विभाग 242 करोड़, पर्यावरण ए‌वं वन विभाग 205 करोड़, स्वास्थ्य विभाग का 174 करोड़, समाज कल्याण विभाग 160 करोड़, आइटी विभाग 123 करोड़, पंचायती राज विभाग का 106 करोड़, पशुपालन विभाग का 105 करोड़, कृषि का 90 करोड़, नगर विकास एवं आवास विभाग का 37 करोड़, ग्रामीण विकास विभाग 23 करोड़, पिछड़ा-अतिपिछड़ा विभाग 14 करोड़ और सहकारिता विभाग का एक करोड़ रुपये बकाया है.

इन 16 विभागों में बकाया हैं 90 हजार करोड़ से ज्यादा

विभिन्न मद या योजनाओं में मिली राशि को खर्च के बाद इससे संबंधित यूसी जमा नहीं की गयी है. इसमें सबसे ज्यादा पंचायती राज विभाग के पास 26 हजार 922 करोड़ रुपये का बकाया है. इसके बाद शिक्षा विभाग के पास 19 हजार 212 करोड़ , समाज कल्याण का 10 हजार 941 करोड़ , नगर विकास ए‌वं आवास का 10 हजार 22 करोड़ , ग्रामीण विकास का चार हजार 635 करोड़ , एससी-एसटी कल्याण का चार हजार 463 करोड़ का यूसी बकाया है.

इसी प्रकार बीसी-इबीसी वर्ग कल्याण का तीन हजार 998 करोड़ , आपदा प्रबंधन का तीन हजार 754 करोड़, कृषि का तीन हजार 180 करोड़ , स्वास्थ्य का दो हजार 197 करोड़, योजना एवं विकास का 593 करोड़, सहकारिता का 529 करोड़ , पशुपालन का 203 करोड़, आइटी का 63 करोड़, गृह का 14 और पर्यावरण एवं वन का 12 करोड़ रुपये का यूसी बकाया है.

Posted by Ashish Jha

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