पटना. प्रदेश में पंचायत चुनावों के मद्देनजर शिक्षकों के नियुक्ति प्रक्रिया ठप है. हालांकि यह अघोषित तौर पर है.वह इसलिए कि चुनाव के पहले से चली आ रही शिक्षक नियोजन प्रक्रिया को जारी रखने के शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर राज्य निर्वाचन आयोग ने अभी तक कोई मार्ग दर्शन नहीं दिया है.
फिलहाल जैसे ही 15 दिसंबर को आचार संहिता का अवरोध हटेगा, उसके अगले कुछ माह में लगभग 1.72 लाख नये शिक्षक मिलने के आसार हैं. हालांकि जानकारों का कहना है कि आचार संहिता के तत्काल बाद सबसे अहम बात यह होगी कि प्राथमिक स्कूलों के लिए 40518 प्रधान शिक्षकों और माध्यमिक स्कूलों में 5334 प्रधानाध्यापकों की नियुक्तियों के लिए बीपीएससी को प्रस्ताव दिसंबर मध्य के बाद भेज दिया जायेगा.
उल्लेखनीय है कि प्रधान शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति के लिए रोस्टर क्लियरेंस की कवायद नवंबर माह तक पूरा करने का लक्ष्य है. फिलहाल अगले शैक्षणिक सत्र तक यह नियुक्तियां हर हाल में पूरी हो जायेंगी.
उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग पंचायत चुनाव एवं अन्य तकनीकी वजहों से बेशक विशेषकर छठे चरण की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्तियां नहीं कर पा रहा है,लेकिन शिक्षा विभाग होम वर्क पूरा कर चुका है. जानकारों के मुताबिक जैसे ही पंचायत चुनाव की अधिसूचना खत्म होगी, रुकी हुई काउंसेलिंग पूरी करा कर नियोजन पत्र बांट दिये जायेंगे.
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प्रारंभिक स्कूलों में प्रधान शिक्षक – 40518
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माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाध्यापक- 5334
छठे चरण का प्राथमिक शिक्षक नियोजन- 90762
– इस नियोजन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. 38 हजार का चयन कर लिया गया है. शेष के लिए काउंसेलिंग/री काउंसेलिंग कराने का निर्णय रुका हुआ है.
छठे चरण का माध्यमिक शिक्षक नियोजन- 32714
– इसमें में काउंसेलिंग पूर्व की कवायद पूरी हो चुकी है, काउंसेलिंग करायी जानी है
छठे चरण के बिहार शारीरिक शिक्षक अनुदेशक- 8386
– रुकी हुई नियोजन प्रक्रिया फिर शुरू होगी . हालांकि नियुक्ति 3500 अनुदेशकों की हो सकेगी. क्योंकि इतने उम्मीदवार शिक्षक पात्रता परीक्षा पास कर सकें हैं.
प्रदेश के परंपरागत विश्वविद्यालय में 4648 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्तियां होनी हैं. इसकी कवायद जारी है. यह प्रक्रिया मार्च से जून तक पूरी होने की उम्मीद है. इसकी नियुक्ति प्रक्रिया पंचायत चुनाव से अप्रभावित है.
Posted by Ashish Jha