लालू की गोद में बैठ कर कैसे करेंगे अस्मिता की रक्षा

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नीतीश कुमार से पूछा है कि वे लालू प्रसाद की गोद में बैठ कर बिहारी अस्मिता की रक्षा कैसे करेंगे? यह सवाल उन्होंने फेसबुक के माध्यम से पूछा है. उन्होंने नीतीश की संपर्क यात्र के दौरान हर दिन एक सवाल पूछने का एलान किया था. उसी क्रम में गुरुवार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2014 8:13 AM

पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नीतीश कुमार से पूछा है कि वे लालू प्रसाद की गोद में बैठ कर बिहारी अस्मिता की रक्षा कैसे करेंगे? यह सवाल उन्होंने फेसबुक के माध्यम से पूछा है. उन्होंने नीतीश की संपर्क यात्र के दौरान हर दिन एक सवाल पूछने का एलान किया था. उसी क्रम में गुरुवार को सवाल दागा है.

कहा, बिहार को जंगलराज से बचाने के नाम पर लोगों से नीतीश ने वोट मांगा था, लेकिन बीच में ही जनादेश से विश्वास घात कर उसी लालू को क्यों गले लगा लिया, जिससे 15 वर्षो तक राज्य में कुशासन और नरसंहारों का दौर चला. लालू की लाठी और लालटेन थाम कर वे बिहार को कैसे बचायेंगे? लोकसभा में लालू ने बेटी को जिताने के लिए रीतलाल यादव जैसे अपराधी के घर जाकर समर्थन मांगा. 24 घंटे के भीतर उसे राजद महासचिव बना दिया. जिस शहाबुद्दीन के नाम से लोग थर-थर कांपते हैं, वह उनके खास सिपहसालारों में हैं.

नीतीश से पूछा है कि क्या अब वह लालू से हाथ मिला कर अपराध की राजनीति करनेवालों के जमानतदार बन गये हैं? नीतीश ने पिछले लोकसभा के दौरान कहा था कि अब लाठी में तेल पिलाने का नहीं, कलम में स्याही भरने का जमाना है.

बिजली के दौर में लालटेन की जरूरत नहीं है, इसलिए लालू की लालटेन फोड़ देनी चाहिए. उन्होंने पूछा है कि नीतीश जी कलम-स्याही और बिजली की बात भूल कर लालटेन की रोशनी में तीर क्यों चलाना चाहते हैं? लालू के जंगलराज को याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं. सत्ता संरक्षित अपराधियों के तांडव के चलते उद्योग-व्यापार ठप हो गये थे. अपहरण उद्योग बन गया था, हजारों व्यापारी सूबे से पलायन कर गये थे. लोग बिहारी की पहचान छुपाने लगे थे.

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