पटना. बिहार प्रगतिशील लेखक संघ का 17 वां राज्य सम्मेलन शनिवार 13 मई से पटना में हो रहा है. 13-14 मई को एएन सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान में होने वाले बिहार प्रलेस का सम्मेलन पटना में एक लम्बे वक़्त के बाद हो रहा है.इस बार बिहार के विभिन्न जिलों के लगभग 150 प्रतिनिधि भाग लेंगे. मुज़फ्फरपूर, पूर्णिया, किशनगंज, आरा, बक्सर, भभुआ, कैमूर, औरंगाबाद, बेगूसराय, मधुबनी, समस्तीपुर, शेखपुरा, खगड़िया सहित अन्य जिलों से लेखक जुट रहें हैं. बिहार प्रगतिशील लेखक संघ का पिछला सम्मेलन- 2019 में छपरा में हुआ था.
17वें राज्य सम्मेलन के लिए बनी स्वागत समिति के अध्यक्ष मशहूर इतिहासकार ओपी जायसवाल हैं, जबकि सचिव अनीश अंकुर हैं. सम्मेलन के संबंध में सचिव अनीश अंकुर ने बताया कि 17वें राज्य सम्मेलन का मुख्य थीम है ‘लोकतंत्र पर बढ़ते हमले, हिफ़ाज़त में उठते कदम’. उन्होंने कहा कि 13 मई को खुला सत्र होगा, जबकि 14 मई की दोपहर से सांगठनिक सत्र होगा. जिसके बाद अगले तीन वर्षों के लिए नयी कमेटी का चुनाव होगा. उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन के लेखक, कवि, कथाकार, उपन्यासकार, निबंधकारों के अलावा राजनीति, समाजशास्त्र आदि पर लिखने वाले लोगों के बीच उत्सुकता से देखा जा रहा है.
सचिव अनीश अंकुर ने कहा कि इस बार के सम्मेलन कई सत्रों में होना है. ‘नफ़रत की सियासत और लोकमत’, वर्तमान समय में लेखकों के समक्ष सृजनात्मक बाधाएं’, ‘बिहार की लोकभाषाओं में प्रतिवाद के स्वर’ तथा ‘इककीसवीं सदी तरक्कीपसंद हिंदी-उर्दू की फ़िक्री बुनियाद’. इसके बाद शाम में कवि सम्मेलन होगा. उन्होंने कहा कि इसके उदघाटन में प्रगतिशील लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव सुखदेव सिंह सिरसा, अध्यक्ष विभूति नारायन राय, कथाकार रणेन्द्र, आलोचक शकील सिद्दीकी, सुहेल वाहिद, जेएनयू के एसएन मालाकार आदि प्रमुख है.
बिहार प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना 1944 में हुई थी. राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर उसके स्वागतध्यक्ष थे. राष्ट्रीय स्तर पर प्रगतिशील लेखक संघ 1936 में हुआ था. इसके संस्थापकों में प्रेमचंद, सज़्ज़ाद ज़हीर, मुल्कराज आनंद आदि प्रमुख थे. 1936 में प्रगतिशील लेखक संघ की अध्यक्षता करते हुए प्रेमचंद का मशहूर भाषण ‘साहित्य का उद्देश्य’ आज भी साहित्य जगत के लिए प्रकाशस्तम्भ का काम करता है. यह सम्मेलन हर तीन साल पर होता है. राज्य सम्मेलन को राष्ट्रीय सम्मेलन के पूर्व सम्पन्न कर लेना होता है जो अगस्त माह में मशहूर व्यंग्यकार हरिशंकर परसाई के शहर जबलपुर में होना है.