बागमती बाढ़ प्रबंधन पर 12 साल में खर्च हुए 1800 करोड़, 548.13 करोड़ की और जरुरत
बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना के फेज 3(बी) और फेज 5(ए) से दरभंगा, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिलों के कुल 3.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र और 93.13 लाख आबादी को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी. इस पर करीब 548.13 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है.
पटना. राज्य में बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना पर 12 साल में करीब 1800 करोड़ रुपये खर्च हुए. इस योजना को पूरा करने के लिए अब भी काम जारी है.
इसका मकसद सीतामढ़ी, दरभंगा, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और शिवहर जिले में बागमती नदी से आने वाली बाढ़ से बचाव करना है. इस साल भी बाढ़ पूर्व तैयारी के तहत बागमती नदी पर कटाव रोकने संबंधी काम की तैयारी की जा रही है.
सूत्रों का कहना है कि बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना वर्ष 2008 से चल रही है. इस योजना के तहत सीतमाढ़ी जिले में नेपाल सीमा से बागमती के दोनों किनारों पर बांधों की ऊंचाई बढ़ाना, उन्हें मजबूत करना और नये बांध के निर्माण का काम चल रहा है.
इसके तहत कुल 246 किलोमीटर लंबाई में नया बांध बनाया जाना है. योजना के पांचवें चरण में बागमती नदी के बाएं किनारे पर बेनीबाद से हायाघाट तक और दाएं किनारे पर बेनीबाद से सोरमार हाट तक बांध बनाने की डीपीआर तैयार की गयी है.
विभागीय सूत्रों का कहना है कि बागमती बाढ़ प्रबंधन योजना के फेज 3(बी) और फेज 5(ए) से दरभंगा, मुजफ्फरपुर और समस्तीपुर जिलों के कुल 3.36 लाख हेक्टेयर क्षेत्र और 93.13 लाख आबादी को बाढ़ से सुरक्षा मिलेगी. इस पर करीब 548.13 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान है.
Posted by Ashish Jha