पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने बिहार से आनेवाले केंद्रीय मंत्रियों को चेतावनी दी है कि अगर वे राज्य को मदद नहीं करेंगे, तो उन्हें बिहार आने नहीं दिया जायेगा. श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में बुधवार को आयोजित ‘विश्व शौचालय दिवस’ पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के सतभइया (सात नेता) केंद्र में मंत्री हैं.
सात देवियों के साथ मिल कर वे बिहार की मदद कराएं. जब मदद मिल जायेगी, तो हम काम करने लगेंगे. शौचालय बनाने के लिए केंद्र को 15 हजार रुपये देने थे, लेकिन अब 12 हजार देने की बात है, लेकिन लगता है कि कहीं केंद्र उसे घटा कर 10 हजार न कर दे.
अगर यह राशि कम हुई, तो सातों केंद्रीय मंत्रियों को बिहार आने से रोक दिया जायेगा. वे दिल्ली में ही रहें. अगर बिहार की मदद नहीं कर सकते हैं, तो यहां आने की कोई आवश्यकता नहीं है. मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले को लेकर मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलूंगा. मैंने उनसे मिलने के लिए समय मांगा है. फिलहाल हम केंद्र सरकार को देख रहे हैं और बिहार के प्रति उनके काम का आकलन कर रहे हैं. समय आने पर धक्का भी मारेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं महादलित हूं, गरीब हूं, जो चाहता है, मुझे ठोकर मार देता है. शुरू से ठोकर सहता रहा हूं और अब तो इसकी आदत हो गयी है. ठोकर खाते-खाते मुख्यमंत्री बन गया, अब कहीं प्रधानमंत्री न बन जाऊं. ठोकर मारनेवाले सलामत रहें और ऐसे ही ठोकर मारते रहें. ग्रामीण विकास विभाग द्वारा आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा, स्वच्छता अभियान कोई नयी शुरुआत नहीं है. जब स्कूल में था, तब भी हर शनिवार को गांव में अभियान चलता था.
स्कूली बच्चे गांव में झाड़ू करते थे और नाली साफ करते थे. उच्च जाति के बच्चों को झाड़ू दे दिया जाता था और दलित समुदाय के हम बच्चों से नाली साफ करवाया जाता था. उम्मीद है कि इस पर महाचंद्र बाबू (मंच पर बैठे पीएचइडी मंत्री) बुरा नहीं मानेंगे. उस समय ही हम चेत गये होते, तो जितना भुक्तभोगी गरीब तबका हुआ है, उतना नहीं होता. समाज हो, घर हो या शौचालय, सफाई रखने में क्या दिक्कत है? नीतीश कुमार की कृपा से एक अणे मार्ग मिल गया. वहां पर सब साफ-सुथरा मिल जाता है. मुझे अपने घर जाना है. वहां गंदगी मिली, तो मैं खुद साफ करने जुट जाऊंगा. इसमें हर्ज क्या है? सभी को घर व शौचालय की सफाई करनी चाहिए.
मुख्यमंत्री के विवादित बयान पर टिप्पणी करते हुए जदयू महासचिव केसी त्यागी ने आपत्ति जतायी है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के बयान से पार्टी और सरकार की छवि को नुकसान पहुंच रहा है. गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी अपने विवादित बयानों के कारण चर्चा में हैं, जिसके कारण उन्हें पार्टी के बड़े नेताओं ने फटकार लगायी है.
सफाई पर केंद्र व राज्य सरकार देर से जगी
मुख्यमंत्री ने अपने अंदाज में कहा, केंद्र सरकार अगर मदद नहीं करती है, तो बिहार की योजनाओं को काट कर स्वच्छता अभियान व शौचालय निर्माण में राशि दी जायेगी. सीएम ने कहा कि जब मैं टीवी देखता हूं, तो प्रधानमंत्री जी कहते रहते हैं कि देश के सवा सौ करोड़ लोग अगर ठान लें, तो गंदगी साफ हो जायेगी. इसी तरह प्रधानमंत्री की बात को दोहराते हुए कहता हूं कि बिहार के 11 करोड़ लोग अगर ठान ले, तो गंदगी रहने नहीं देंगे. उन्होंने कहा, इस मामले पर केंद्र और राज्य सरकार की नींद देर से खुली. बहुत देर कर दी हुजूर आते-आते. पहले ही पहल करनी चाहिए थी. काफी गंदगी व पानी गंगा में प्रवाहित हो चुका है.
जदयू-भाजपा दोनों ने फटकारा
देश में किसी को कहीं आने-जाने से कोई नहीं रोक सकता. कोई मंत्री हो या फिर आम आदमी, हर कोई कहीं भी जा सकता है. उसे रोका नहीं जा सकता. शरद यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष, जदयू
यह असंवैधानिक भाषा है. इसके पीछे नीतीश और लालू की प्रताड़ना है या किसी दबंग की बोली. वह नीतीश के दबाव में हैं, इसलिए ऐसा बयान दे रहे हैं.
रामकृपाल यादव, केंद्रीय पेयजल राज्यमंत्री
जदयू के अंदर कोल्डवार चल रहा है. वह हमारे पर कम और नीतीश कुमार पर अधिक आक्रोशित हैं. नीतीश उनको हटाना चाहते हें. इसलिए ऐसा बोल रहे हैं.
गिरिराज सिंह, केंद्रीय लघु उद्योग राज्यमंत्री
बिहार किसी की जागीर नहीं है. जदयू में आतंरिक कलह है. पार्टी में मांझी अलग-थलग पड़ चुके हैं. वह आनेवाले दिनों में विवादित बयानों के लिए याद किये जायेंगे.
रामविलास पासवान, केंद्रीय खाद्य मंत्री
मैं 22 नवंबर को पटना पहुंच रहा हूं. सीएम रोक सकते हैं, तो रोक लें. जनता उनके खिलाफ खड़ी है.यह देख कर वह बौखलाहट में ऐसा बयान दे रहे हैं.
उपेंद्र कुशवाहा, केंद्रीय एचआरडी राज्यमंत्री