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सियासत गरमायी: गांव से लौट कर शरद से मिले मांझी, बोले मुझे नहीं मिली चेतावनी

पटना: अपने बयान को लेकर घिरे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को यह कह कर अपने विरोधियों को चौंका दिया कि ‘मुझे किसी की चेतावनी नहीं मिली है.’ पैतृक गांव महकार से दिन के 10 बजे पटना लौटे मुख्यमंत्री को जब सचिवालय में संवाददाताओं ने घेरा, तो उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर जो […]

पटना: अपने बयान को लेकर घिरे मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने शुक्रवार को यह कह कर अपने विरोधियों को चौंका दिया कि ‘मुझे किसी की चेतावनी नहीं मिली है.’ पैतृक गांव महकार से दिन के 10 बजे पटना लौटे मुख्यमंत्री को जब सचिवालय में संवाददाताओं ने घेरा, तो उन्होंने कहा कि पार्टी के भीतर जो चल रहा है, वह दल का अंदरूनी मामला है.

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी की चेतावनी को लेकर पूछे गये सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुङो कोई चेतावनी नहीं मिली है. देर शाम तारामंडल सभागार में भारतीय कविता समारोह का उद्घाटन करने पहुंचे मांझी ने कहा कि ‘मैं न किसी से डरता हूं, न किसी को डराता हूं.’ पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या पार्टी ने उन्हें संयमित भाषा का इस्तेमाल करने की हिदायत दी है, सीएम ने पलट कर पूछा कि किसने हिदायत दी है? मैं न किसी से डरता हूं और न किसी को डराता हूं्. बहुत सहज भाव से सबका आदर करता हूं.

इसके पहले मुख्यमंत्री पटना पहुंचने पर तत्काल राजकीय अतिथिशाला गये. वहां पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव से बंद कमरे में करीब 20 मिनट तक मुलाकात की. माना जा रहा है शरद यादव ने उन्हें एक बार फिर अपने विवादित बयानों को लेकर समझाया. जिस समय मुख्यमंत्री मांझी राजकीय अतिथिशाला में शरद यादव से मिलने आये, उस समय उनकी ही सरकार के मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव, नरेंद्र नारायण यादव, विधान पार्षद संजय गांधी, विधायक रत्नेश सदा वहां मौजूद थे. करीब आधा घंटे तक वहां रहने के बाद चेहरे पर गंभीरता का भाव लिये मुख्यमंत्री सचिवालय विदा हो गये. गुरुवार को पार्टी महासचिव केसी त्यागी ने कहा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को अपने बयानों को लेकर अंतिम चेतावनी दी है.

इधर,शुक्रवार को मसौढ़ी से जदयू विधायक अरुण मांझी और लघु उद्योग मंत्री मनोज कुमार सिंह खुल कर मुख्यमंत्री के पक्ष में आ गये. अरुण मांझी ने कहा कि पूरा दलित समाज मुख्यमंत्री के साथ है. उन्होंने जदयू नेताओं के आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि मांझी के बयान से पार्टी कमजोर हो रही है.

सूत्रों की मानें तो शरद यादव ने मुख्यमंत्री को साफ शब्दों में कहा कि वह अपनी भावना को संयमित रखें. जिस प्रकार वह भावना में बह कर बयान देते हैं. उससे विवाद हो रहा है. उस पर कंट्रोल करें. बयानों से अब पार्टी के नेता-विधायक भी असहज महसूस कर रहे हैं. इसलिए ऐसा कोई बयान ना दें जिससे किसी समुदाय,पार्टी और पार्टी के नेताओं की भावना को ठेस पहुंचे. सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री ने शरद यादव को सफाई दी है कि वह जिस भावना से बयान देते हैं, उसे उस रूप में न तो दिखाया जाता है और न ही छापा जाता है.

इनका मिला साथ

मुख्यमंत्री दलित,अति पिछड़ा व गरीबों के लिए जो बयान दे रहे हैं. उससे पार्टी को कोई नुकसान नहीं है. जो उन पर प्रहार कर रहे हैं, उन्हें आगे समझ में आ जायेगा कि वह मांझी पर नहीं, बल्कि दलित समाज के मान-सम्मान पर प्रहार कर रहे हैं. सीएम अकेले नहीं है. दलित समाज व वोटर उनके साथ हैं.

अरुण मांझी , विधायक

मांझी जब से सीएम बने हैं, दलित, महादलित व अति पिछड़ा समाज के लोग गोलबंद हो रहे हैं. नीतीश ने भी दलित व पिछड़े वर्ग को एक करने का काम किया था. मांझी उसे आगे बढ़ा रहे हैं. सीएम के बयान का समाज में अच्छा मैसेज है. मनोज कुशवाहा , लघु सिंचाई मंत्री

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