पटना: पटना हाइकोर्ट ने 28 वीं न्यायिक सेवा के सफल 118 उम्मीदवारों की नियुक्ति पर रोक अंतरिम लगा दी है. कोर्ट ने न्यायिक सेवा में ओबीसी को आरक्षण देने से मना करने के बाद भी 28 वीं न्यायिक सेवा के रिजल्ट घोषित किये जाने पर नाराजगी जतायी और इसे आधार बना कर नियुक्ति पत्र देने पर रोक लगा दिया है.
बिहार लोक सेवा आयोग ने 18 अक्तूबर को 28 वीं न्यायिक सेवा का अंतिम रिजल्ट जारी किया था. इसमें 118 उम्मीदवारों को सफल घोषित किया गया है. आशुतोष कुमार की याचिका की सुनवाई करते हुए न्यायाधीश इकबाल अहमद अंसारी और अंजना प्रकाश ने शुक्रवार को यह आदेश दिया.
कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिसंबर को निर्धारित की है. याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को बताया कि हाल ही में न्यायालय ने न्यायिक सेवा में ओबीसी को आरक्षण देने पर रोक लगा दिया है. कोर्ट ने इस आदेश को सुनाते समय 27 वीं परीक्षा के रिजल्ट पर भी रोक लगायी थी. साथ ही 28 वीं और 29 वीं परीक्षा के रिजल्ट के भी इस निर्णय से प्रभावित होने की बात कही थी.
इसके बाद भी बिहार लोक सेवा आयोग ने ओबीसी को आरक्षण का लाभ देते हुए रिजल्ट जारी कर दिया था. रिजल्ट जारी होने के बाद सरकार सभी सफल उम्मीदवारों को नियुक्ति पत्र देने की तैयारी कर रही थी. इधर, कोर्ट के निर्देश के बाद प्रधान अपर महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि 10 दिसंबर को अंतिम फैसला आना है. इसके बाद सरकार अगला कदम उठायेगी. यह पूछे जाने पर कि सरकार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटायेगी, प्रधान अपर महाधिवक्ता ने कहा कि हमने सरकार में प्रस्ताव दिया है, अभी तक जवाब नहीं आया है. वैसे 10 दिसंबर के निर्देश के बाद हम कदम उठायेंगे और नियुक्ति पत्र रद्द की गयी, तो निश्चित रूप से सुप्रीम कोर्ट में अपील की जायेगी. गौरतलब है कि 10 दिन पूर्व पटना हाइकोर्ट ने दयानंद सिंह एवं अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद न्यायिक सेवा में ओबीसी कोटे को आरक्षण दिये जाने पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही 27 वीं न्यायिक सेवा के रिजल्ट पर भी कोर्ट ने रोक लगायी है.