बहुराज्यीय सहकारी समिति बिल लायेंगे: राधा मोहन सिंह

पटना सिटी: केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि सहकारी समितियों के विकास व प्रगति पर गहन चिंतन के लिए सरकार ने बहुराज्यीय सहकारी समिति बिल 2014 शीतकालीन अधिवेशन में लाने का निर्णय लिया है. केंद्रीय मंत्री रविवार को कुम्हरार के पंचशील प्रशिक्षण केंद्र में चल रहे सहकार भारती के दो दिनों के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 24, 2014 1:05 AM

पटना सिटी: केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने कहा कि सहकारी समितियों के विकास व प्रगति पर गहन चिंतन के लिए सरकार ने बहुराज्यीय सहकारी समिति बिल 2014 शीतकालीन अधिवेशन में लाने का निर्णय लिया है.

केंद्रीय मंत्री रविवार को कुम्हरार के पंचशील प्रशिक्षण केंद्र में चल रहे सहकार भारती के दो दिनों के प्रादेशिक अधिवेशन के समापन सत्र का उद्घाटन करते हुए बोल रहे थे. मंत्री ने कहा कि देश में 5.89 लाख सहकारी समितियां हंै, जो गांव से लेकर राष्ट्र तक फैली हैं .

समितियों की सदस्यता 249 मिलियन से अधिक है, जिसमें 97 फीसदी गांव व 71 फीसदी ग्रामीण परिवार शामिल हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि सहकारी साख का 16.9 फीसदी, उर्वरक उत्पादन में 29 फीसदी, चीनी उत्पादन में 40 फीसदी व बुनकर सहकारिता में 54 फीसदी का योगदान है. ऐसे में सहकारी समितियों के पुनर्उत्थान के लिए सरकार ने कुछ ठोस उपाय किये हैं क्योंकि आर्थिक नीतियों की चुनौती से निबटने के लिए समितियों को सक्षम बनाया जायेगा.

मंत्री ने कहा कि युवाओं को भी सहकारिता से जोड़ने का काम किया जायेगा. कार्यक्रम की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष सतीश मराठे ने की. संचालन प्रदेश महामंत्री रवींद्र कुमार सिन्हा ने किया. इस मौके अनिल ठाकुर, दीपक चौरसिया, मनोज कुमार आदि मौजूद थे.

नौकरी लेनेवाला नहीं , देनेवाला बनें : अवधेश

अधिवेशन में विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि हमें नौकरी लेनेवाला नहीं, बल्कि देनेवाला बनना चाहिए. खासतौर पर मछली उत्पादन, अस्पताल व दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में सहकारिता समिति बना कर काम करने की जरूरत है. नेता प्रतिपक्ष नंद किशोर यादव ने कहा कि आर्थिक विसंगतियों को दूर करने में सहकारिता को सशक्त बनाने की जरूरत है. इसके माध्यम से कम पूंजी में कार्य किया जा सकता है. पूर्व मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि सहकारिता के क्षेत्र में बिहार काफी पीछे है. इस पर कार्य करने की आवश्यकता है.

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