पटना: पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि न्याय के साथ विकास से ही बिहार को विकसित किया जा सकता है. फेसबुक पर शेखपुरा व नवादा की संपर्क यात्रा के बाद ताजा अपडेट में उन्होंने लिखा कि शेखपुरा के सम्मेलन में कार्यकर्ताओं के संकल्प के बाद जब नवादा के लिए चला,तो असाधारण दृश्य सामने था. रास्ते भर सड़क के दोनों ओर बच्चे,युवा,महिलाएं और वृद्ध खड़े हो कर स्नेह पूर्वक अभिवादन कर रहे थे.
कई बार मन में आया कि गाड़ी से उतर कर पैदल चलूं. कम से कम ऐसे हजारों लोगों के साथ कुछ दूर चलने का अवसर मिलेगा,जिनके लिए जीवन भर काम करता रहा हूं.
नीतीश कुमार ने लिखा कि राजनीति में जो भी दौर रहा. उस रास्ते को नहीं छोड़ सकते हैं. जब भाजपा के साथ गंठबंधन था इस दौर में भी हर समय प्रयासरत रहे कि राज्य में विकास हो और साथ में समरसता भी कायम रहे. 2006-13 तक हर साल गांधी मैदान में स्वतंत्रता दिवस पर इस संकल्प को दोहराया है. 2013 में जब भाजपा ने नया अवतार लिया, तो तय हो गया कि अब भाजपा के साथ चल कर समरस बिहार नहीं बनाया जा सकता. इसलिए व्यावहारिक राजनीति की परवाह किये बिना गंठबंधन तोड़ दिया.
परिणाम जो भी हो हम किसी हाल में उस सिद्धांत को नहीं छोड़ सकते,जो बिहार के विकास का मूलमंत्र है. नीतीश ने कहा कि राजनीतिक जीवन में प्रतिबद्धता रही है कि जब तक काम करेंगे बिहार में कानून का राज कायम रहेगा. समाज में समरसता बनी रहेगी और विकास की रफ्तार में बिहार अग्रणी रहेगा. बिहार में कानून का राज महज इसलिए कायम नहीं है कि हमने पुलिस प्रशासन व न्याय व्यवस्था को कारगर बनाया. अगर इसके साथ-साथ नीतिगत प्रयासों के माध्यम से सामाजिक समरसता कायम करने में सफल नहीं होते, तो कानून का राज कभी कायम नहीं होता. इन प्रयासों के कारण ही समरसता व सौहार्द हो सका.