पटना. राज्य सरकार के कई विभागों के पीएल (पर्सनल लेजर) और पीडी (पर्सन डिपॉजिट) खातों में हजारों करोड़ रुपये जमा हैं. कुछ विभागों के पीएल एकाउंट में तो बिना उपयोग के ये रुपये चार-पांच साल से पड़े हुए हैं. पीएल एकाउंट तो ट्रेजरी में ही खोले जाते हैं, जबकि पीडी एकाउंट बैंकों में खोले जाते हैं.
पीएल खातों में करीब 15 हजार करोड़ रुपये जमा है. जबकि पीएल खातों में साढ़े चार हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पड़े हुए हैं. ये रुपये किसी न किसी योजना मद के हैं, लेकिन खर्च नहीं होने के कारण ये पड़े हुए हैं.
बेकार पड़े इन रुपये खजाने में जमा कराने को लेकर वित्त विभाग कई बार इससे संबंधित आदेश जारी कर चुका है. फिर भी कुछ विभागों पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है. जिन विभागों के खाते में रुपये जमा है, उनमें ग्रामीण विकास विभाग, पशुपालन, पंचायती राज, शिक्षा, कृषि समेत अन्य विभाग मुख्य रूप से शामिल हैं.
इसमें कुछ विभागों ने अपने पीएल एकाउंट में बीते वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान खजाने से किसी योजना मद के पैसे निकाल कर रख दिये हैं, लेकिन अभी तक ये रुपये खर्च नहीं किये गये हैं. इस तरह के कई विभागों ने किसी न किसी योजना मद में रुपये की निकासी खजाने से कर ली है, लेकिन इन्हें बिना खर्च के खाते में डालकर छोड़ दिया गया है. इससे विभाग के खर्च मद में तो यह राशि दिख जाती है. परंतु हकीकत में ये रुपये खाते में ही पड़े रहते हैं.
सूबे के सभी विभागों ने रुपये खर्च करने के बाद भी इसका हिसाब सरकार को नहीं दिया है. विभागों को ग्रांट या अनुदान के तौर पर जो रुपये दिये जाते हैं, उन्हें खर्च करने के बाद इसका यूसी सरकार को देना पड़ता है.
अब तक 15 हजार 908 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद इसका यूसी विभागों ने सरकार को दिया ही नहीं है. इन रुपये को किस मद में खर्च किये गये, इसकी कोई जानकारी सरकार के पास नहीं है.
Posted by Ashish Jha