पटना नगर निगम छह माह निलंबित कर दो
पटना: नगर आयुक्त व मेयर के बीच चले रहे झगड़े के कारण पटना नगर निगम को ही निलंबित करने की नौबत आ गयी है. नगर विकास विभाग ने पटना नगर निगम को छह महीने सस्पेंड रखने की सरकार से सिफारिश की है. विभाग ने नगर आयुक्त कुलदीप नारायण को निलंबित करने तथा निगम में कार्यरत […]
पटना: नगर आयुक्त व मेयर के बीच चले रहे झगड़े के कारण पटना नगर निगम को ही निलंबित करने की नौबत आ गयी है. नगर विकास विभाग ने पटना नगर निगम को छह महीने सस्पेंड रखने की सरकार से सिफारिश की है. विभाग ने नगर आयुक्त कुलदीप नारायण को निलंबित करने तथा निगम में कार्यरत ग्रुप ए से ग्रुप डी के सभी कर्मियों को तत्काल दूसरे नगर निगम में तबादला करने की भी सिफारिश की है.
विभाग ने सरकार से एक प्रशासक की मांग की है जो शहर की समस्याओं का तत्काल निराकरण कर सके. विभाग की सिफारिश मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को भेज दी गयी है. अब मुख्यमंत्री के फैसले का इंतजार है. मुख्यमंत्री ने विभाग के प्रस्ताव पर सहमति दे दी तो छह महीने के लिए नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड आयुक्तों के अधिकार शिथिल रहेंगे. निगम का काम एक प्रशासक के जिम्मे होगा.
मेयर- नगर आयुक्त विवाद के बीच ही विभाग ने नगर आयुक्त से डेंगू के बढ़ते प्रकोप को रोकने के लिए निगम की ओर से किये गये उपायों की जानकारी मांगी थी. नगर आयुक्त की ओर से सरकार के इस सवाल का जवाब नहीं दिया गया. डोर – टू डोर कचरा उठाने की प्रक्रिया पर भी नगर विकास विभाग ने सवाल उठाया था. नगर आयुक्त को नोटिस जारी करते हुए विभाग ने कहा था कि कचरा उठाव का कार्य संतोषजनक नहीं है. ठोस अपशिष्ट प्रबंधन हेतु सामान की खरीद के लिए नगर निगम को जो राशि उपलब्ध करायी गयी वह खर्च नहीं हो पाया. विभाग ने निगम को तत्काल सामान की खरीद करने का निर्देश दिया था. इसके बाद भी नगर आयुक्त की ओर से विभाग के मंत्री को न तो खरीद करने और न ही पैसे वापस करने की जानकारी दी गयी. नगर निगम के क्षेत्र में सरकारी भूमि का अतिक्रमण कर बड़े भवनों का निर्माण करने पर पटना हाइकोर्ट की फटकार पर भी नगर निगम से जवाब तलब किया गया था. विभाग ने निगम से 2012-13 और 2013-14 में सड़क निर्माण करने, नाला उड़ाही करने एवं नागरिक सुविधा को लेकर कोताही बरतने पर नोटिस जारी किया था. इन समस्याओं पर नगर निगम की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने से नाराज विभाग ने सजा के तौर पर सरकार से नगर आयुक्त को हटाने और निगम को छह माह निलंबित रखने की सिफारिश की है.