पटना: मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि मुङो प्रधानमंत्री बनने में कोई दिलचस्पी नहीं है. पार्टी ने मुङो बिहार के मुख्यमंत्री पद की जो जिम्मेवारी सौंपी है, उसी को पूरी लगन, मेहनत और निष्ठा के साथ पूरी करने में लगे हैं. दरअसल, मुख्यमंत्री जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव द्वारा कानपुर में दिये गये बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे.
पहले तो उन्होंने यह मानने से ही इनकार कर दिया कि शरद यादव ने उनके संबंध में इस तरह का कोई बयान दिया है. लेकिन, बाद में उन्होंने कहा कि उन्होंने जो कुछ भी कहा उसमें गलत क्या है? मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि उन्होंने मेरी योग्यता पर कोई सवाल नहीं उठाया होगा. विधानसभा चुनाव में हमारा लक्ष्य जदयू को जीत दिलाना और नीतीश कुमार को एक बार फिर मुख्यमंत्री बनाना है.
सोमवार को जनता दरबार के बाद संवाददाता सम्मेलन में जब शरद यादव के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गयी, तो मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने ठीक ही कहा है कि मैं एक मुसहर जाति से आनेवाला व्यक्ति हूं. उन्होंने यह भी ठीक कहा है कि बचपन में मेरी परवरिश एक मुसहर की तरह ही हुई है. हम जहां रहते थे, वहां जानवर भी हमारे साथ रहते थे. मैं अन्य बच्चों की तरह स्कूल भी नहीं गया. मांझी ने कहा कि मैं यदि मुख्यमंत्री बना हूं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि मैं राजनीति करता हूं, इसका मतलब यह है कि समाजसेवा करता हूं और आगे भी करता रहूंगा. शरद जी के बयान से कोई विवाद नहीं है. लोजपा अध्यक्ष व केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान द्वारा उन्हें नीतीश कुमार से बेहतर मुख्यमंत्री बताये जाने पर उन्होंने श्री पासवान को धन्यवाद देते हुए कहा कि मैं तो पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा तैयार किये गये रोडमैप पर काम कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैंने कभी खुद को नीतीश कुमार से बेहतर मुख्यमंत्री नहीं बताया है और न ही यह कहा कि मैंने उनसे बड़ी लकीर खींची है.
शरद यादव पर लोजपा ने कराया मामला दर्ज: जदयू अध्यक्ष शरद यादव द्वारा कानपुर में पत्रकारों के समक्ष मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को जातिसूचक शब्दों से संबोधित करने तथा उन्हें प्रधानमंत्री पद के लायक नहीं होने की बातें कहे जाने पर लोजपा ने सोमवार को पटना के एससी थाने में जदयू अध्यक्ष के खिलाफ अनुसूचित जाति उत्पीड़न अधिनियम की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज करायी है. लोजपा के प्रदेश महासचिव विष्णु पासवान द्वारा दर्ज करायी गयी इस प्राथमिकी में कहा गया है कि श्री यादव ने मुख्यमंत्री के संबंध में कई आपत्तिजनक बातें कही हैं, जो एससी एक्ट के तहत दंडनीय अपराध है.
जरूरत से कम होती है धान की खरीद, बोनस देने में क्या दिक्कत
मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को आवश्यकता से अधिक अनाज की खरीद करने पर रोक लगा दी है. बिहार को हर साल करीब 42 लाख मीटरिक टन अनाज की जरूरत है, लेकिन यहां 20 से 25 लाख मीटरिक टन अनाज ही किसानों से खरीदा जाता है. ऐसे में बिहार के किसानों को बोनस का भुगतान करने में सरकार को किसी तरह परेशानी नहीं है. केंद्र ने उन्हीं राज्यों को बोनस देने पर रोक लगाने की बात कही है, जिन राज्यों में जरूरत से अधिक अनाज की खरीद किसानों से की जाती है. उन्होंने कहा कि इस साल किसानों को धान बेचने पर प्रति क्विंटल तीन सौ रुपये का बोनस दिया जायेगा. पिछले साल यह राशि ढाई सौ थी. उन्होंने कहा कि 5 दिसंबर से पूरे राज्य में धान की खरीद शुरू कर दी जायेगी.
7 को पीएम के साथ बैठक में उठायेंगे राज्यहित के कई मुद्दे
मुख्यमंत्री ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 7 दिसंबर को प्रधानमंत्री द्वारा आयोजित मुख्यमंत्रियों की बैठक में बिहार के हित से जुड़े कई अहम मुद्दों को रखेंगे. मैंने प्रधानमंत्री से इसके लिए पहले भी समय मांगा था, लेकिन मुङो समय नहीं दिया गया है. अब 7 दिसंबर की बैठक में बिहार में एनएच के निर्माण व मरम्मती पर खर्च किये गये करीब एक हजार करोड़ रुपये के भुगतान के साथ-साथ इंदिरा आवास, बीआरजीएफ, शौचालय निर्माण योजना समेत बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग का मुद्दा उठायेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने पर अब केवल राजनीति हो रही है. भाजपा ने तो लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता से वादा किया था कि केंद्र में उसकी सरकार बनने पर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिया जायेगा. लेकिन, सरकार बनने के बनने के बाद अब भाजपा के नेता कह रहे हैं कि बिहार में एनडीए की सरकार बनने के बाद विशेष राज्य का दर्जा दिया जायेगा. यह बिहार की जनता के साथ धोखा है. विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा को सबक सिखायेगी.