पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए राज्य सरकार केंद्र सरकार पर भ्रामक आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से मिली राशि को खर्च करने में फिसड्डी साबित हो रही है. मोदी ने कहा कि केंद्र की कई योजनाओं में राशि की उपलब्धता के बावजूद बिहार सरकार गलतबयानी कर रही है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत पर्याप्त राशि के बावजूद जहां पूरे देश में बिहार की स्थिति सबसे खराब है, वहीं नयी सड़कों के निर्माण के मामले और पुरानी सड़कों को बेहतर बनाने में भी पिछड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की विफलता ही है कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत केंद्र से वर्ष 2014-15 के लिए आवंटित 1650 करोड़ में से 1460 करोड़ रुपये मिलने के बावजूद अक्तूबर, 2014 तक 1270 करोड़ रुपये ही खर्च हो सके. मोदी ने कहा कि राज्य सरकार को बताना चाहिए कि इसके लिए कौन जिम्मेवार है.
उन्होंने कहा कि बिहार में 47,849 किमी नयी सड़कों का निर्माण कराना है, जबकि अक्तूबर, 2014 तक मात्र 25711 किमी सड़कें ही बन सकी हैं. वहीं सड़कों के उन्नयन मामले में भी राज्य की हालत बदतर बताते हुए कहा कि लक्ष्य 7235 किमी सड़कों के विरुद्घ मात्र 5579 किम का उन्नयन हो सका. मोदी ने कहा कि राज्य की 27184 बस्तियों को सड़क संपर्क उपलब्ध कराने का लक्ष्य तय किया गया है, पर अक्तूबर, 2014 तक मात्र 12715 टोले और बसावटों को ही सड़कों से जोड़ा जा सका है.
गरीबों के पेट पर लात मार रही सरकार
पटना. विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने कहा कि राज्य की जदयू सरकार गरीबों की पेट पर लात मार रही है. उन्होंने राज्य में खाद्य सुरक्षा कानून के भविष्य पर दिख रहे संकट पर रोष व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार के एक करोड़ लोगों को खाद्यान्न सुरक्षा के तहत सस्ता अनाज नहीं मिल रहा है.
बिहार में इस योजना के तहत 871 करोड़ लोगों को दो रुपये किलो गेहूं और तीन रुपये किलो चावल मिलना है, पर राज्य में अब तक सिर्फ 7.07 करोड़ लोगों को ही राशन कार्ड मिल सका है. स्थिति यहां तक पहुंच गयी है कि राज्य सरकार को खाद्य सुरक्षा कानून की शर्ते पूरी करने के लिए एक महीने का समय दिया गया है.
उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार गंभीर है, पर राज्य सरकार नहीं. राज्य सरकार अपनी कमजोरियों को छुपाने के लिए नाकामियों का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोर रही है. राज्य सरकार अनावश्यक रूप से केंद्र पर बोनस देने पर रोक का दुष्प्रचार कर रही है. राज्य सरकार पर गेहूं नहीं खरीदने और धान की खरीद एक छटांक भी नहीं करने का आरोप लगाया.