अब राज्य भर में एक साथ बंटेगी सेनिटरी नैपकिन

पटना: सूबे के क्लास सात से 12वीं तक की छात्रओं को मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सैनिटरी नैपकिन देने का मामला एक बार फिर चर्चा में है. ढाई महीने पहले हर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 50-50 स्कूलों में नैपकिन देने का निर्णय लिया गया, लेकिन किसी भी जिले में यह शुरू नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2014 2:12 AM

पटना: सूबे के क्लास सात से 12वीं तक की छात्रओं को मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सैनिटरी नैपकिन देने का मामला एक बार फिर चर्चा में है. ढाई महीने पहले हर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 50-50 स्कूलों में नैपकिन देने का निर्णय लिया गया, लेकिन किसी भी जिले में यह शुरू नहीं हो सका.

अब फिर से सभी जिलों की छात्रओं को एक साथ नैपकिन देने का निर्णय लिया गया है. नैपकिन देने की घोषणा 13 फरवरी को तरंग के समापन समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की थी. नये सत्र (अप्रैल) से क्लास सात से 12वीं तक की 34.16 लाख छात्रओं को यह नि:शुल्क देना था. हर छात्र को महीने में चार-चार नैपकिन देना था. जून में राज्य कैबिनेट ने 32.27 करोड़ इसके लिए मंजूर किये थे. लेकिन, योजना शुरू नहीं हो सकी. अब वर्तमान शैक्षणिक सत्र खत्म होने में मात्र चार महीने रह गये हैं. ऐसे में यह योजना शुरू हो पाती है या नहीं, यह शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन गयी है.

निगम करेगा खरीदारी

नैपकिन की खरीदारी बिहार राज्य स्वास्थ्य निगम करेगा. निगम ही इसे प्रखंडों तक पहुंचायेगा. इसके बाद शिक्षा विभाग स्कूलों में बांटेगा. कस्तूरबा बालिका विद्यालय की छात्रओं को स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी देने के लिए एक प्रशिक्षण मॉडय़ूल उपलब्ध है, लेकिन मिडिल, हाइ व प्लस टू स्कूलों की छात्रओं के लिए कोई मॉड्यूल नहीं है. इस पर इन स्कूलों की छात्रओं को प्रजनन स्वास्थ्य की सामान्य जानकारी, महावारी स्वास्थ्य व प्रबंधन के संबंध में प्रशिक्षण के लिए राज्य महिला सामख्या व जीविका प्रशिक्षण मॉडय़ूल तैयार कर रही है.

शिक्षा विभाग पहले ही जीविका व महिला सामख्या के पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रखंड से स्कूली छात्रओं तक सेनिटरी नैपकिन किस प्रकार बांटी जाये, इसके लिए विस्तार से कार्य योजना तैयार की जाये.

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