सूबे के पांच जिलों में शुरू होगा डेयरी प्रोजेक्ट

पटना: राज्य में पशुपालन को सशक्त व्यावसाय बनाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ने के लिए एक खास योजना तैयार की गयी है. नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के सहयोग से इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच जिलों में फिलहाल शुरू किया गया है. क्षेत्रीय विकास योजना […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2014 2:26 AM

पटना: राज्य में पशुपालन को सशक्त व्यावसाय बनाने और ज्यादा से ज्यादा लोगों को इससे जोड़ने के लिए एक खास योजना तैयार की गयी है. नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) के सहयोग से इस योजना को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर पांच जिलों में फिलहाल शुरू किया गया है.

क्षेत्रीय विकास योजना नाम की इस योजना को मुंगेर, लखीसराय, किशनगंज, जहानाबाद और मधुबनी शुरू किया गया हैं. इसके बाद जल्द ही इसे अन्य सभी जिलों में लागू कर दिया जायेगा. जिन जिलों में इस योजना को शुरू किया गया है, वहां अलग-अलग बैंकों को इसके तहत ऋण देने के लिए ंिचंहित किया गया है.

इस योजना के तहत पशु खासकर गाय या भैंस खरीदने वाले किसानों को 50 फीसदी अनुदान मिलेगा. इस अनुदान को चिन्हित बैंकों खाता खुलवाकर प्राप्त किया जा सकता है. पशु खरीदने के लिए जिला पशुपालन पदाधिकारी के पास आवेदन कर सकते हैं या संबंधित बैंकों में संपर्क कर सकते हैं. इसके तहत कम से कम से कम दो और अधिकतम 10 गाय एक बार में खरीद सकते हैं.

दो से अधिक गाय खरीदने पर 55 फीसदी अनुदान मिलता है. सभी संबंधित बैंकों में भी इससे संबंधित तमाम जानकारी प्राप्त की जा सकती है. इस योजना को फिलहाल तीन साल के लिए शुरू किया गया है. आमतौर पर देखा जाता है कि गव्य विकास या डेयरी के लिए बैंक किसानों को लोन देने में काफी कंजूसी बरतते हैं. इस वजह से पशुपालन के लिए किसानों को कहीं से लोन उपलब्ध नहीं हो पाने के कारण यह व्यापक व्यवसाय का रूप नहीं ले पा रहा है.

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