कृष्ण, पटना. राज्य में अब तक दो लाख 13 हजार से अधिक किसानों को कृषि फीडर से बिजली कनेक्शन दिया गया है. खेती के लिए बिजली कनेक्शन देने को 1388 कृषि फीडर बनने हैं, जिनमें से करीब 1271 बन चुके हैं. इनसे करीब दो लाख 13 हजार 500 किसानों को खेती के लिए बिजली कनेक्शन दिया जा चुका है.
वहीं , करीब एक लाख पंद्रह सौ इच्छुक आवेदकों को मई 2022 तक कृषि फीडर से बिजली कनेक्शन देने की योजना पर काम चल रहा है. फिलहाल नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनबीपीडीसीएल) ने करीब 788 फीडर बनाये हैं. वहीं, साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एसबीपीडीसीएल) ने करीब 483 कृषि फीडरों का निर्माण किया है. अन्य निर्माण कार्य जारी है.
बिजली कंपनी के सूत्रों के अनुसार एनबीपीडीसीएल को कृषि कनेक्शन के लिए करीब एक लाख 54 हजार आवेदन मिले थे, इनमें से करीब 91 हजार किसानों को कृषि कनेक्शन दिये जा चुके हैं. वहीं, एसबीपीडीसीएल को करीब एक लाख 61 हजार आवेदन मिले थे. इनमें से एक लाख 22 हजार 500 कनेक्शन दिये गये.
दरअसल कृषि को बढ़ावा देने के लिए बनाये गये कृषि रोड मैप में ही अलग 11 केवीए का कृषि फीडर बनाकर किसानों को बिजली कनेक्शन देने की योजना बनायी गयी. इसके लिए 65 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली देने की व्यवस्था की गयी. इसका मकसद खेती में लागत को कम करना था, जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सके.
विशेषज्ञों का कहना है कि सस्ती बिजली से खेती करने से सिंचाई के लिए वर्षा पर निर्भरता कम होगी और सही मात्रा में सिंचाई होने से फसल का उत्पादन बढ़ेगा. अब किसान एक फसल की जगह तीन-तीन फसल लगा सकेंगे. इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ेगी. योजना के मुताबिक खेतों तक तीन शिफ्ट में चार-चार घंटे बिजली मिलेगी और सिंचाई प्रति एकड़ 1500 रुपये से घट कर करीब 200 रुपये तक हो जायेगी.
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बीते सत्र के दौरान विधान परिषद में बताया था कि मई 2022 पूरे राज्य में इच्छुक किसानों को कृषि फीडर से बिजली कनेक्शन दे दिया जायेगा. वे राजद के रामचंद्र पूर्वे के एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे.
Posted by Ashish Jha