कमिश्नर साहब! न पुरानी गाड़ियां हटीं, न ऑटो स्टैंड हुआ व्यवस्थित

पटना: गांधी मैदान में भगदड़ की घटना के बाद मैदान में भीड़ प्रबंधन तथा विधि व्यवस्था बनाने के लिए आधार भूत संरचना का विकास और बिजली आदि सुविधाओं को बेहतर करने के लिए प्रशासन लगातार बैठक-पर-बैठक कर रहा है. मैदान का निरीक्षण भी हुआ, नए निर्देश भी जारी हुए, लेकिन परिणाम अब तक अनुकूल आते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2014 2:00 AM

पटना: गांधी मैदान में भगदड़ की घटना के बाद मैदान में भीड़ प्रबंधन तथा विधि व्यवस्था बनाने के लिए आधार भूत संरचना का विकास और बिजली आदि सुविधाओं को बेहतर करने के लिए प्रशासन लगातार बैठक-पर-बैठक कर रहा है. मैदान का निरीक्षण भी हुआ, नए निर्देश भी जारी हुए, लेकिन परिणाम अब तक अनुकूल आते नहीं दिखाई दे रहे हैं. वरीय अधिकारियों के निर्देशों का पालन उन्हीं के मातहत अधिकारी नहीं कर रहे हैं.

श्री कृष्ण स्मारक विकास समिति, जिसे गांधी मैदान का रख-रखाव की जिम्मेवारी मिली है, भी इन निर्देशों का पालन नहीं कर पा रही है. 11 अक्तूबर को मैदान में बेहतर व्यवस्था कायम करने की दिशा में कमिश्नर नर्मदेश्वर लाल, डीएम अभय कुमार सिंह, नगर आयुक्त कुलदीप नारायण, एसएसपी जितेंद्र राणा ने अधिकारियों के साथ गांधी मैदान का निरीक्षण किया था और इस दौरान कमिश्नर ने कई निर्देश दिये थे, लेकिन सब ठंडे बस्ते में पड़ गये हैं.

निर्देश

ऑटो स्टैंड होगा व्यवस्थित

गांधी मैदान के बाहर नियंत्रण कक्ष के सामने जो ऑटो स्टैंड है, उसकी वजह से प्रवेश द्वार बाधित रहता है. यह पाया गया कि ऑटोचालक प्रवेश द्वार के समीप ही वाहन खड़ा कर यात्रियों को चढ़ाते-उतारते हैं. ट्रैफिक एसपी को कहा गया कि वे ऑटो स्टैंड को व्यवस्थित कराएं, ताकि मेन गेट बाधित नहीं रहे.

हटेगा गाड़ियों का जमावड़ा

गांधी मैदान थाने के निकट पुरानी गाड़ियों को वर्षो से डंप कर रखा गया है, यह न केवल गंदगी का बड़ा कारण है, बल्कि सुरक्षा के लिहाज से भी खतरनाक है. एसएसपी को कहा गया था कि वे इसे जितनी जल्दी हो सके हटवाना सुनिश्चित करें.

हकीकत

कोई फर्क नहीं पड़ा

जब प्रभात खबर ने मैदान का जायजा लिया तो पता चला कि अब तक न ऑटो स्टैंड व्यवस्थित हुआ है, न ही पुरानी जब्त गाड़ियों को हटाया गया है. इसके कारण एसके मेमोरियल हॉल के सामने ऑटो स्टैंड के कारण प्रवेश द्वार बाधित रहता है. ऑटोचालक प्रवेश द्वार के समीप ही गाड़ी खड़ी कर यात्रियों को चढ़ाते-उतारते हैं. ट्रैफिक एसपी को निर्देश दिये डेढ़ माह से अधिक हो गये, लेकिन आज भी ऑटोवाले उसी तरह गेटों को बाधित करते हुए दिखाई दिये.

जमावड़ा जस-का-तस

गांधी मैदान थाने के निकट पुरानी गाड़ियों का जमावड़ा शनिवार को भी उसी तरह लगा हुआ था, जैसा गांधी मैदान के हादसे के समय था. जिस दिन हटाने का आदेश दिया गया था, उसी दिन की तरह डंप की गयी गाड़ियां अब भी रखी हुई हैं. निर्देशों के डेढ़ महीने से ज्यादा गुजर जाने के बाद भी स्थिति वही है. सच में यदि इसे हटाने की दिशा में छोटी कोशिश होती, तो इतने दिनों में जमावड़ा खत्म हो गया होता.

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