गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने झारखंड की परंपरा को तोड़ा : नीतीश कुमार
पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड में रघुवर दास को विधायक दल का नेता चुनने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भाजपा ने परंपरा के खिलाफ फैसला किया है. उन्होंने कहा कि अब झारखंड में भाजपा को आदिवासियों पर विश्वास नहीं रहा, इसलिए पार्टी ने गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाने […]
पटना : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने झारखंड में रघुवर दास को विधायक दल का नेता चुनने के बाद अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि भाजपा ने परंपरा के खिलाफ फैसला किया है. उन्होंने कहा कि अब झारखंड में भाजपा को आदिवासियों पर विश्वास नहीं रहा, इसलिए पार्टी ने गैर आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है.
उन्होंने कहा कि भाजपा के इस फैसले से झारखंड की नींव तोड़ने की कोशिश की गयी है. नीतीश ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी ने जिस सपने के साथ झारखंड के अलग गठन को स्वीकारा था. भाजपा उसको भूल गयी है. अब भाजपा की राजनीति कुछ हाथों में सिमटकर रह गयी है.
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि भाजपा को प्रदेश में अकेले बहुमत नहीं मिली है. सहयोगियों के साथ मिली बहुमत पर भाजपा को अपना नेता चुनने का अधिकार है. सरकार बनाना भी भाजपा का अधिकार है. भाजपा के इस फैसले ने आदिवासियों के प्रति भाजपा के रवैये को स्पष्ट किया है.
झारखंड राज्य गठन के बाद से वहां आदिवासी सीएम बनाने की परंपरा रही है. इस परंपरा को भाजपा ने तोड़ने का काम किया है, यह कहीं से भी प्रदेश के हित में नहीं होगा.
गौरतलब है कि झारखंड के बाद अगले साल बिहार में विधानसभा चुनाव होना है. इसलिए नीतीश कुमार ने आक्रामक रुख अपना लिया है और भाजपा पर वार कर रहे हैं. हालांकि झारखंड में जदयू और राजद गंठबंधन का जो हाल हुआ, उससे कई संकेत मिलते हैं. यह बात दीगर है कि वहां हुए उपचुनाव में भाजपा का जादू नहीं चला था और जदयू-राजद गंठबंधन ने अपनी ताकत दिखा दी थी.