शादी रुकवाने प्रेमी के घर पहुंची सुनीता

भागलपुर: सुनीता के लिए अच्छी नहीं थी रविवार की सुबह. वह अपने 11 साल के पुत्र शिवम के साथ पुलिस कार्यालय, अखबार का दफ्तर और शांतिभूषण उर्फ डिंपल ठाकुर के घर (नाथनगर के रन्नुचक गांव) का चक्कर काट रही थी. उसका कहना था शांतिभूषण से उसकी शादी हुई है. उन दोनों का 11 साल का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 15, 2013 10:09 AM

भागलपुर: सुनीता के लिए अच्छी नहीं थी रविवार की सुबह. वह अपने 11 साल के पुत्र शिवम के साथ पुलिस कार्यालय, अखबार का दफ्तर और शांतिभूषण उर्फ डिंपल ठाकुर के घर (नाथनगर के रन्नुचक गांव) का चक्कर काट रही थी. उसका कहना था शांतिभूषण से उसकी शादी हुई है. उन दोनों का 11 साल का बेटा भी है. इसके बाद भी शांति भूषण दूसरी शादी करने जा रहा है. हक मांगने रविवार सुबह शांतिभूषण के घर पहुंची सुनीता ने कहा शांतिभूषण उसका पति है. वह कई साल से उसके साथ रह रही है. इसलिए वह इस शादी को रुकवाने आयी है.

इसके बाद वहां जमकर हंगामा हुआ. सुनीता का कहना है कि शांतिभूषण के माता-पिता ने उसके साथ मारपीट भी की. हाथ में दांत काट लिया. सुनीता ने गांव वालों से भी मदद की गुहार लगायी.

इस दौरान स्वच्छता अभियान के तहत गांव की सफाई करने निकले राष्ट्रीय युवा परिषद के कार्यकर्ताओं ने सुनीता का हाल जाना और उसे रामनारायण सरस्वती विद्या मंदिर के प्रांगण में गये. गांव के बड़े बुजुर्ग जुटे और सुनीता को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया.

तीन पहाड़ की रहने वाली है सुनीता भूषण

साहेबगंज तीन पहाड़ की रहनेवाली भिखारी ठाकुर की पुत्री सुनीता भूषण का यह मामला पूरे इलाके में चर्चा का विषय बन गया है. बताया जाता है कि इसी कारण शांतिभूषण घर से फरार हो गया है.

पति-पत्नी की तरह रहने लगे दोनों

सुनीता भूषण ने बताया कि उसकी शादी तमौनी निवासी नवल किशोर ठाकुर के साथ 1999 में हुई थी. वह उस समय नाबालिग थी. कई कारणों से नवल के साथ शादी उसे मान्य नहीं थी. नवल का भांजा शांति भूषण, जो अभी शिक्षा मित्र है, वहां आता जाता था. धीरे-धीरे दोनों में प्रेम हो गया. सुनीता मायके आयी तो शशिभूषण वहां भी आने लगा. शांतिभूषण ने सुनीता को शादी का आश्वासन दिया. सुनीता का कहना है कि इसी आस में दोनों पति पत्नी की तरह रहने लगे. थोड़े दिनों बाद भागलपुर में डॉ सुशीला चौधरी के यहां उसने एक पुत्र को जन्म दिया. उसके बाद शांतिभूषण लाल कोठी में दिनेश झा के किराये के मकान में रहने लगा. सुनीता ने बताया कि उसके पिता का तीन पहाड़ बाजार में सैलून है. 12 जुलाई को उसने सिटी डीएसपी से इंसाफ दिलाने की गुहार लगायी.

डीएसपी ने नाथनगर के इंस्पेक्टर को मामले की जांच का निर्देश दिया था. इसके बाद नाथनगर पुलिस उसे शांतिभूषण के घर ले गयी. कोई कार्रवाई नहीं हुई. सुनीता का कहना है कि अगर शांतिभूषण की चुपचाप शादी हो गयी तो उसका और उसके बेटे का क्या होगा? सुनीता का कहना है कि जब शांतिभूषण के फिर से शादी होने की खबर लगी तो उसने पूछताछ की. शांतिभूषण ने बताया कि सात लाख रुपये मिल रहे हैं, इसलिए केवल नाम का शादी करने जा रहा हूं. सुनीता ने शादी का विरोध भी किया.

खगड़िया की लड़की से हो रही थी शादी

शांतिभूषण की शादी का कार्ड बांटा गया था, जिस पर शादी की तारीख 14 जुलाई छपी हुई थी. कार्ड के अनुसार शादी खगड़िया के दीना चकला निवासी रविंद नाथ की पुत्री अर्चना कुमारी से होनेवाली थी. बहूभोज के लिए रेलवे कॉलोनी नयाचक सिंकदरपुर पानी टंकी के पास कमेटी हॉल बुक कराया गया था.

ग्रामीणों ने सुनीता का किया समर्थन

गांव के मुखिया कृष्णानंद राय, अशोक मिश्र, सुनील राय, श्रीराम राय, नागेश्वर राय, विजय सिंह धावक ने कहा कि सुनीता को इंसाफ दिलाया जायेगा. लड़का अभी गांव नहीं आया है. उससे भी पूछताछ की जायेगी. यदि बात सच है तो शादी रुकनी ही चाहिए. महिला के इंसाफ के लिए वरीय पुलिस पदाधिकारियों से भी संपर्क करेंगे.

किस आधार पर रोकें शादी

नाथनगर थानाध्यक्ष महफूज आलम खां ने बताया कि दो-तीन दिन पहले महिला आयी थी. फिलहाल मुङो मामले की पूरी जानकारी नहीं है. हालांकि महिला कह रही थी कि पति के भांजे से उसने शादी की है. महिला ने अभी तक अपने पहले पति से तलाक भी नहीं लिया है. ऐसे में हम किस आधार पर किसी की शादी रुकवा सकते हैं. हालांकि सिटी डीएसपी ने अन्य जगहों पर भी मेल से सूचना भेज कर इस मामले में यथोचित कार्रवाई का निर्देश दिया है.

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