पिछले 25 वर्षों में प्रदेश में हवाई यात्रा की सूरत पूरी तरह से बदल गयी है. पच्चीस वर्ष पहले यहां से केवल दिल्ली, काठमांडू, लखनऊ व कोलकाता के लिए केवल चार जोड़ी फ्लाइटें थीं. इनमें तीन जोड़ी फ्लाइटें डंडियन एयरलाइंस जो अब एयर इंडिया के नाम से जानी जाती है, की थीं. इनमें दो दिल्ली के लिए सुबह और शाम में जबकि एक काठमांडू के लिए थी.
चौथी जोड़ी एयर इंडिया की सहयोगी विमान कंपनी एलायंस एयर की थी, जो कोलकाता से पटना और लखनऊ होते हुए दिल्ली जाती थी. ‘काउंटडाउन 12’ में पेश है ‘हवाई सफर’ में आये बदलावों को रेखांकित करती अनुपम कुमार की रिपोर्ट.
2018 से पटना एयरपोर्ट से 24 घंटे का फ्लाइट शिड्यूल जारी है. एयरपोर्ट से परिचालित होने वाले शेडयूल्ड फ्लाइटों की संख्या में 18 गुणा वृद्धि हुई है और यह चार से बढ़कर 72 जोड़ी तक पहुंच गया है. एयरपोर्ट परिसर में यात्री सुविधाओं का भी विस्तार हुआ है और इसके लिए 1216 करोड़ रुपये के मेगा प्रोजेक्ट पर इन दिनों भी काम चल रहा है.
पटना एयरपोर्ट के इस तेज वृद्धि को देखते हुए यहां 722 करोड़ रुपये खर्च कर 80 लाख यात्री सलाना की क्षमता वाला विशाल एवं अत्याधुनिक टर्मिनल बनाया जा रहा है. यह 57,000 वर्गमीटर में फैला होगा जबकि वर्तमान टर्मिनल केवल 7200 वर्ग मीटर में फैला है. यह दो मंजिला होगा जिसमें ऊपरी मंजिल पर डिपार्चर होगा और वहां तक जाने के लिए पीर अली पथी के मुख्य प्रवेश द्वार से एलिवेटेड सड़क बना होगा.
मधुबनी चित्रकला और नालंदा के खंडहरों की विशेषताओं से युक्त इसका आर्किटेक्चर दूर से ही आकर्षित करेगा. नये टर्मिनल में विमानों के खड़ा होने के लिए 10 पार्किंग बे बनाये जायेंगे जो वर्तमान में केवल चार हैं.
दिल्ली
मुंबई
कोलकाता
चेन्नई
हैदराबाद
बेंगलुरू
लखनऊ
बनारस
रांची
अहमदाबाद
अमृतसर
गौहाटी
पुणे
भुवनेश्वर
चंडिगढ़ (सिर्फ एक तरफ की सेवा)
पटना एयरपोर्ट टर्मिनल की मूल क्षमता केवल पांच लाख यात्री सालाना थी. जिसे टर्मिनल बिल्डिंग के एक्सटेंशन के द्वारा इन दिनों बढ़ा कर 25 लाख तक पहुंचाया गया है. पैसेंजर ग्रोथ की दृष्टि से पटना देश के सबसे तेजी से बढ़ रहे टॉप फाइव बड़े एयरपोर्ट में से एक हैं.लॉकडाउन से पहले पटना एयरपोर्ट से आने जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ाकर 40 लाख सलाना को भी पार कर गयी थी.
यात्रियों के विमानों तक आने जाने के लिए पांच एयरोब्रिज होंगे. सामानों के डिलीवरी के लिए पांच कन्वेयर बेल्ट भी बनाये जायेंगे जो वर्तमान में केवल एक है. नये टर्मिनल भवन के सामने एक विशालकाय अशोक स्तंभ की प्रतिकृति भी बनायी जायेगी. साथ ही खूबसूरत बाग बगीचे भी लगाये जायेंगे.
पीर अली पथ से लगा हुआ 750 चार पहिया वाहनों को पार्क करने की क्षमता वाला एक चार मंजिला पार्किंग भी बनाया गया है. इसमें अंतिम मंजिले पर एक शॉपिंग कॉम्पलेक्स भी बनाया जायेगा, जिसमें हवाई यात्री इंतजार के समय का इस्तेमाल खरीदारी करने में कर सकेंगे. पटना एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण पर कुल मिलाकर 1216 करोड़ रुपये खर्च होंगे. मार्च 2023 तक इसे पूरा कर लिये जाने की संभावना है.
आज पटना से 72 जोड़ी शेडयूल्ड फ्लाइटें हैं, जिनमें से कोरोना से उत्पन्न स्थितियों की वजह से इन दिनों 35 जोड़ी फ्लाइटें ही चल रही हैं. पटना से देश के 14 महानगरों की सीधी हवाई सेवा है, जिसमें सबसे अधिक 22 जोड़ी फ्लाइटें दिल्ली के लिए हैं.
सहारा एयरलाइंस देश की पहली प्राइवेट एयरलाइंस थी, जिसने 1996 में पटना से दिल्ली के लिए विमान सेवा की शुरुआत की थी. 2009 में इंडिगो एयरलाइंस, उसके बाद गो एयर और फिर स्पाइसजेट ने पटना अपनी सेवा शुरू की.
‘विस्तारा’ एयरलाइंस यहां सेवा देने वाली सबसे नयी एयरलाइंस है, जिसने पहले दिल्ली और फिर मुंबई के लिए अपनी सेवा शुरू की. इसी दौरान जेट एयरवेज और एलायंस एयर ने भी यहां से अपनी सेवा शुरू की जो बाद में सहारा एयरलाइंस की तरह ही घाटे की वजह से बंद हो गयी. काठमांडू की विमान सेवा भी कंधार विमान अपहरण कांड के बाद बंद हो गयी. इन दिनों पांच एयरलाइंस पटना से सेवा दे रही हैं.
पिछले कुछ दिनों में देश के कई बड़े शहरों से पटना की कनेक्टिविटी बढ़ी है. जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर पैसेंजर ग्रोथ इतनी तेजी से बढ़ी है कि लॉकडाउन से पहले यह देश के टॉप फाइव हाई ग्रोइंग बड़े एयरपोर्ट में शामिल हो चुका है. केवल पटना ही नहीं महज छह-सात महीने की अवधि में ही दरभंगा एयरपोर्ट ने भी इस संबंध में कीर्तिमान बनाये हैं. भविष्य की जरूरत को देखते हुए बिहटा एयरपोर्ट पर भी एक बड़ा सिविल एनक्लेव बनाया जा रहा है.
स्पाइसजेट की दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु के लिए एक-एक सीधी फ्लाइट की उड़ान के साथ आठ नवंबर 2020 से यहां से विमान सेवा शुरू हुई. दो महीने बाद कोलकाता और अहमदाबाद के लिए भी स्पाइसजेट ने यहां से सीधी फ्लाइट शुरू की. वर्तमान में पैसेंजरों की भारी संख्या को देखते हुए दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरू के लिए यहां से स्पाइसजेट के दो फ्लाइटें चल रही हैं.
खासियत : यह देश के सबसे हैवी पैसेंजर लोड वाले एयरपोर्ट में से एक बन गया है और उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर और छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर को पीछे छोड़ चुका है. सात महीने में यहां से लगभग 2.5 लाख हवाई यात्री यात्रा कर चुके हैं. आगामी पांच जुलाई से दरभंगा से कोलकाता और हैदराबाद के लिए इंडिगो की भी फ्लाइट शुरू होगी. इसके लिए टिकटों की बुकिंग शुरू हो गयी है.
बिहटा एयरफोर्स बेस के पास ही लगभग 800 करोड़ खर्च कर एक सिविल एन्क्लेव बनाया जा रहा है. इसकी क्षमता 25 लाख यात्रियों की होगी. जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ा कर 50 लाख भी किया जा सकेगा. अगले ढाई वर्षों में बिहटा सिविल एन्क्लेव का निर्माण पूरा कर लेने का लक्ष्य है.
खासियत : बिहटा एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 8200 फीट है जो पटना से थोड़ी अधिक हैं. इसे बढ़ाकर 12,000 फीट तक करने की योजना है ताकि बड़े विमानों को भी उतरने में कोई परेशानी न हो. रनवे विस्तार के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ने 156 एकड़ भूमि का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया है. 1400 करोड़ रुपये खर्च कर बिहटा एयरबेस और दानापुर रेलवे स्टेशन के बीच 18.5 किमी लंबे फोरलेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है.
यह गया एवं बोधगया के बीच स्थित है.यह प्रदेश का एकमात्र अंतरराष्ट्रीय हवाई-अड्डा है जो श्रीलंका की राजधानी कोलंबो और थाईलैंड की राजधानी बैंकाक से सीधे हवाई संपर्क में है.
खासियत : श्रीलंकन एयरलाइंस की जहाजें हफ्ते में तीन बार गया होकर दिल्ली के लिए जाती हैं. एयर इंडिया का जहाज हफ्ते में चार दिन बैंकाक से उड़ान भरकर कोलकाता होकर गया तक आती है.गया से कोलकाता के लिए भी सीधी फ्लाइट आती जाती है.
Posted by Ashish Jha