प्रभात खबर के 25 साल : स्टार्टअप से बूस्ट हुआ पटना का बिजनेस

पिछले 25 वर्षों में राजधानी पटना में न केवल नौकरियों का स्वरूप बदला है, बल्कि बिजनेस का तरीका भी बदला है. एक दौर था जब बिजनेसमैन का बेटा बिजनेसमैन बनता था, लेकिन अब ट्रेडिशनल बिजनेस के स्वरूप में काफी बदलाव आया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2021 8:17 AM

पिछले 25 वर्षों में राजधानी पटना में न केवल नौकरियों का स्वरूप बदला है, बल्कि बिजनेस का तरीका भी बदला है. एक दौर था जब बिजनेसमैन का बेटा बिजनेसमैन बनता था, लेकिन अब ट्रेडिशनल बिजनेस के स्वरूप में काफी बदलाव आया है. यदि आपके पास बिजनेस से जुड़ा आइडिया है, तो आप भी सफल बिजनेसमैन बन सकते हैं. पिछले कुछ सालों में ‘स्टार्टअप’ जैसे शब्द के आने से न केवल व्यवसाय का तरीका बदला है, बल्कि इसने बिजनेस को बूस्ट भी किया है. सबसे खास बात यह है कि इसने हजारों महिलाओं को सशक्त, स्वावलंबी व आत्मनिर्भर बनाया है. 25 सालों में कैसे बदल गया बिजनेस का तरीका, ‘काउंटडाउन 5’ में पढ़िए जूही स्मिता की रिपोर्ट.

सरकार कर रही मदद

बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार और स्टार्टअप के लिए बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कई योजनाएं लांच की हैं. मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना और मुख्यमंत्री महिला उद्यमी योजना से कई लोगों को लाभ मिला है. योजनाओं के तहत युवाओं को बिजनेस के लिए 10 लाख रुपए तक का लोन 50% अनुदान के साथ दिया जा रहा है. इसका लाभ बिहार में रहने वाले हर वर्ग और जाति को मिल रहा है.

स्वरोजगार से जुड़े युवा

बिहार सरकार के साथ केंद्र सरकार की ओर से उद्यमिता के क्षेत्र में कदम रखे वाले युवा और महिलाओं को कई लाभ भी मिल रहे हैं.सूबे में लगभग 115 से ज्यादा स्टार्टअप काम कर रहा है. इनमें से कई स्टार्टअप राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहरा रहे हैं. इससे सालाना कारोबार लगभग 150 करोड़ रुपये का है. इसके जरिये सूबे के दो हजार से अधिक युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है.

सफल हुए ये बिजनेस आइडियाज

  • l कुकरी क्लासेस

  • l रियल एस्टेट एजेंट

  • l प्लेसमेंट सर्विस

  • l आइसक्रीम पार्लर

  • l हैंडक्राफ्ट सेलर

  • l कोचिंग क्लासेस

  • l डे-केयर सेवाएं

  • l डांस सेंटर

  • l जूस पॉइंट

  • l सिलाई-कढ़ाई

  • l फोटोग्राफी

  • l जिम व योग ट्रेनिंग

  • l मैरिज ब्यूरो

  • l ट्रैवल एजेंसी

  • l सैलून

  • l ऑनलाइन व्यवसाय

  • l ब्लॉगिंग

  • l कंसलटेंसी

  • l बुटीक स्टोर

  • l कैटरिंग

  • l प्रोफेशनल फोटोग्राफी

  • l हस्तनिर्मित मोमबत्तियां

  • l अचार, पापड़, नुडल्स

  • l ऑर्गेनिक साबुन

महिला उद्योग संघ से जुड़ीं 50,000 महिलाएं

महिला उद्योग संघ की स्थापना 1995 में स्व पुष्पा चोपड़ा के नेतृत्व में हुई. उस समय से अबतक कई महिला उद्यमियों को संघ न सिर्फ बिजनेस करने के लिए प्लेटफॉर्म दे रहा है, बल्कि कई महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है. संघ की अध्यक्ष उषा झा ने बताया कि पिछले 26 सालों में 50,000 से ज्यादा महिलाओं को उद्यमिता के साथ रोजगार के क्षेत्र से जोड़ा गया है. फिलहाल हमारी टीम संघ और महिलाओं को इ-कॉमर्स से जोड़ने की मुहीम में जुटी हुई है.

इन आठ सेक्टर्स में ज्यादा है एक्सपोजर

  • l हेल्थ केयर

  • l इ-कॉमर्स

  • l फाइनेंशियल सर्विसेज

  • l एजुकेशन व टेक्नोलॉजी

  • l रिमोट वर्किंग टूल

  • l फार्मा

  • l ऑफिस स्पेस डिजाइन

  • l ओटीटी प्लेटफॉर्म

1,476 निबंधित हैं स्टार्टअप

सूबे में अब तक 1476 निबंधित स्टार्टअप है जबकि सरकार के पास 1800 से अधिक आवेदन आये हैं. जानकारों की मानें तो निबंधित स्टार्टअप में से 40 फीसदी युवा पटना जिले के आसपास के है. बाकी अन्य जिले के हैं. वहीं 30 फीसदी स्टार्टअप किन्हीं कारणों से वापस हो गये.

पटना के पॉपुलर स्टार्टअप

  • l आर्या गो कैब

  • l आनंद सागर (दुग्ग्ध)

  • l वर्क स्टूडियो

  • l पटना बिट्स

  • l हस्कपावर

  • l सत्तूज

  • l हनुमान

  • l मेडिशाला

  • l ऑलाइन केक भेजो डॉटकम

  • l एग्री टेक स्टार्टअप बिहार मॉडल

  • l एग्री फिडर

  • l रिवाइवल

  • l मातृ स्टार्टअप

  • l साइमेटिक

  • l एग्री धन

  • l इकोवेंचर

  • l ग्रीन सेल्टर

  • l तृप्तम

  • l नेचुरल एग्रो फार्म

  • l टेक प्रोलैब

देहात मॉडल का टर्नओवर करोड़ों में

छपरा के रहने वाले शशांक अपने चार दोस्त अमरेंद्र सिंह, आदर्श श्रीवास्तव, श्याम सुंदर सिंह व अभिषेक दोकानिया के साथ मिल कर ‘देहात मॉडल’ एग्रीटेक तैयार किया. ये मॉडल किसानों के लिए एक वन स्टॉप सेंटर हैं जो किसानों को बीज से लेकर बाजार तक की जानकारी देती है. अभी यह मॉडल बिहार के 14 जिलों के अलावा यूपी, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल जैसे 7 राज्यों में चलाये जा रहे हैं. अब तक इस स्टार्टअप को 250 करोड़ रुपये से ज्यादा फंडिंग मिली है जबकि सालाना इसका एक हजार करोड़ से ज्यादा टर्नओवर है.

मेडिशाला एप डॉक्टर से कराता है कंसल्ट

बीआइटी पटना के चार पास आउट स्टूडेंट्स सुमन सौरभ, ऋतुराज स्वामी, प्रिंस, और मो आमानउल्लाह ने मेडिशाला एप के जरिये मुमकिन कर दिखाया है. यह एप 2018 में इनके द्वारा बनाया गया. इनका लक्ष्य बिहार के गांवों के लोगों को मेडिकल सुविधाएं आसानी से उपलब्ध कराना है. यह एप पटना, जहानाबाद, गया, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय आदि शामिल है. एप में मेडिशाला बुकिंग सेंटर, विजुअल सर्च और लोकल सर्च शामिल है. फिलहाल 250 से ज्यादा डॉक्टर जो कि पटना और अन्य जिले से जुड़े हुए हैं.

ये शैक्षणिक संस्थान दे रहे साथ

  • l आइआइटी

  • l बिहार उद्योग संघ

  • l सीआइएमपी

  • l निफ्ट

  • l एनआइटी

Posted by Ashish Jha

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