भवनहीन स्कूल नहीं चलेंगे
पटना: सारण के मशरक में जहरीला मिड डे मील खाने से बच्चों की हुई मौत के बाद शिक्षा विभाग ने कई अहम निर्णय लिये हैं, ताकि भविष्य में इस योजना का संचालन बेहतर बनाया जा सके. राज्य में अब भवनहीन विद्यालय नहीं संचालित किये जायेंगे. नौ हजार से अधिक ऐसे विद्यालयों को नजदीक के किसी […]
पटना: सारण के मशरक में जहरीला मिड डे मील खाने से बच्चों की हुई मौत के बाद शिक्षा विभाग ने कई अहम निर्णय लिये हैं, ताकि भविष्य में इस योजना का संचालन बेहतर बनाया जा सके. राज्य में अब भवनहीन विद्यालय नहीं संचालित किये जायेंगे. नौ हजार से अधिक ऐसे विद्यालयों को नजदीक के किसी भवनवाले विद्यालय में मर्ज कर दिया जायेगा, जब तक कि इनके अपने भवन न बन जाएं. इसके अलावा विद्यालय शिक्षा समितियों को और सशक्त बनाया जायेगा. इस पर विधि विभाग की भी सहमति ली जायेगी. इसकी सदस्यों की संख्या 13 से बढ़ा कर 19 की जायेगी. शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव अमरजीत सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में गुरुवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि समिति में स्वयं सहायता समूह की सदस्य, आंगनबाड़ी सेविका, आशा आदि को भी जोड़ा जायेगा. साथ ही समिति के अध्यक्ष अब उस क्षेत्र के वार्ड पार्षद नहीं होंगे. नयी व्यवस्था में समिति के अध्यक्ष का चुनाव इसके 19 सदस्य मिल कर करेंगे. समिति को जवाबदेह बनाया जायेगा. मिड डे मील के मामलों में सभी निर्णय विद्यालय के प्रधानाध्यापक व समिति के अध्यक्ष ले लेते हैं. अब ऐसा नहीं होने दिया जायेगा.
प्राथमिक इलाज प्रबंधन का प्रशिक्षण
उन्होंने कहा कि मशरक की घटना के बाद ऐसा महसूस किया गया कि विद्यालय स्तर पर प्राथमिक इलाज की व्यवस्था जरूर होनी चाहिए. डॉक्टरों ने बताया कि बच्चों को तुरंत नमक व पानी का घोल पिलाया जाता, तो वे उल्टी करते, जिससे शरीर में जहर की मात्र कम होती. प्राथमिक इलाज प्रबंधन की ऐसी जानकारियां प्रधानाध्यापकों को प्रशिक्षण के माध्यम से दी जायेंगी.
आज आयेगी एफएसएल की रिपोर्ट
शिक्षा सचिव ने कहा कि पका हुआ खाना, खाद्यान्न, तेल आदि के सैंपलों की एफएसएल की टीम जांच कर रही है. शुक्रवार की शाम तक इसकी रिपोर्ट आ जायेगी. किसी भी हाल में दोषियों को बख्शा नहीं जायेगा. इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है. विद्यालय की प्रधान शिक्षिका मीना कुमारी को निलंबित कर दिया गया है.
पीड़ित परिजनों से मिले
केंद्रीय मानव संसाधन विभाग के अपर सचिव अमरजीत सिंह व मिड डे मील के निदेशक आर लक्ष्मणन ने गुरुवार को मृत बच्चों के परिजनों से उनके गांव में मिले. घटनास्थल का दौरा किया. पटना लौटने पर इन लोगों ने शिक्षा मंत्री को पूरी जानकारी दी. संवाददाता सम्मेलन में मिड डे मील के निदेशक आर लक्ष्मणन भी थे.
भोजन में मिला था जहर
प्रधान सचिव ने कहा कि बच्चों को जो भोजन परोसा गया था, उसमें जहर था, क्योंकि भोजन कितना भी खराब क्यों न हो, इतने बच्चों की मौत नहीं हो सकती है. जिस तेल से सब्जी बनी थी, उसमें कीटनाशक था. यह भी हो सकता है कि तेल की जगह कीटनाशक ही कड़ाही में डाल दिया गया हो.
तीन चूकें, तीन सवाल
1. तेल में कीटनाशक कैसे मिल गया?
2. रसोइये ने बताया, तेल ठीक नहीं है, कड़ाही में डालने में गजब का धुआं निकला, तब भी प्रधान शिक्षिका ने गंभीरता क्यों नहीं दिखायी ?
3. स्पष्ट निर्देश के बाद भी भोजन को प्रधान शिक्षिका या विद्यालय शिक्षा समिति के किसी सदस्य द्वारा बिना चखे बच्चों को क्यों परोसा गया?