पटना. राज्य में 2580 नये डाॅक्टरों की नियुक्ति की जायेगी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को राज्य कैबिनेट की हुई बैठक में इस पर मुहर लगायी गयी. कैबिनेट ने राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों से पास करनेवाले 2580 एमबीबीएस छात्रों की अनिवार्य नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्रों में किये जाने की मंजूरी दी है. ये सिर्फ राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेजों से पास होने के बाद संविदा पर नियुक्त किये जायेंगे. इनकी नियुक्ति फ्लोटिंग पदों पर की जायेगी.
स्वास्थ्य विभाग ने इनका मानदेय 65 हजार रुपये प्रतिमाह निर्धारित किया है. इस प्रक्रिया से एमबीबीएस पास डाॅक्टरों को ग्रामीण इलाकों में अपनी सेवा देनी होगी और गांवों में भी इनकी तैनाती संभव हो सकेगा. सरकार ने ग्रामीण इलाकों में एंबुलेंस की कमी को दूर करने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम परिवहन योजना के तहत प्रति प्रखंड दो चयनित लाभुकों द्वारा एंबुलेंस खरीदने पर अनुदान देने की अनुमति दी गयी.
सूत्रों के मुताबिक इसके तहत एंबुलेंस की खरीद करने वालों को कम-से-कम दो लाख रुपये का अनुदान मिल सकेगा. कैबिनेट ने कोरोना महामारी के लिए मुफ्त टीकाकरण के लिए बिहार आकस्मिकता निधि से एक हजार करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गयी. इसी प्रकार कोरोना की रोकथाम के लिए अस्पतालों में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारियों व पर्यवेक्षकों के साथ पुलिस पदाधिकारियों व कर्मियों को विशेष प्रोत्साहन भत्ता राशि भुगतान की स्वीकृति दे दी गयी.
कोविड को लेकर अस्पतालों में तैनात पदाधिकारियों व कर्मियों में वेतन स्तर छह व ऊपर वालों को 600 रुपये प्रतिदिन और वेतन स्तर पांच व उससे कम वालों को 400 रुपये प्रतिदिन प्रोत्साहन राशि दी जायेगी. यह राशि कोविड सेंटर परिसर में किसी भी दिन पूर्णकालिक रूप से प्रतिनियुक्ति के रूप में ही देय होगी.
समग्र शिक्षा अभियान स्कीम योजना में कार्य करनेवाले शिक्षकों के वेतन भुगतान के लिए 1716 करोड़ रुपये मंजूर किये गये. इस रकम से शिक्षकों को दो महीने के वेतन का भुगतान हो सकेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली राशि का भी राज्य सरकार अपने संसाधन से उपलब्ध करायेगी.
इसके अलावा केंद्रांश की राशि कम उपलब्ध होने के कारण राज्य के स्कीम मद से सहायक अनुदान के रूप में निर्धारित कुल 5200 करोड़ रुपये के खर्च करने की भी स्वीकृति दी गयी.
Posted by Ashish Jha