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मोदी रैली में सिलसिलेवार धमाका मामला: एनआईए ने 11 खिलाफ आरोपपत्र का गठन किया

पटना: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘हुंकार रैली’ के दौरान हुए सिलसिलेवार धमाका मामले में आज 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित करते हुए मामले की सुनवाई की अगली तारीख 19 जनवरी तय की है. पटना के गांधी मैदान में 27 अक्तूबर […]

पटना: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की एक विशेष अदालत ने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘हुंकार रैली’ के दौरान हुए सिलसिलेवार धमाका मामले में आज 11 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित करते हुए मामले की सुनवाई की अगली तारीख 19 जनवरी तय की है.

पटना के गांधी मैदान में 27 अक्तूबर 2013 को मोदी की ‘हुंकार रैली’ के दौरान हुए सिलसिलेवार धमाकों में छह लोगों की मौत हो गयी थी जबकि करीब सौ लोग जख्मी हो गए थे.एनआईए के विशेष न्यायाधीश अनिल कुमार सिंह ने इस मामले में 11 आरोपियों हैदर अली, नौमान अंसारी, तौफीक अंसारी, मोजिबुल्लाह अंसारी, उमर सिद्दीकी, अजहरुद्दीन कुरैशी, इफ्तेखार आलम, फिरोज आलम, अहमद हुसैन, फखरुद्दीन और एक किशोर के खिलाफ आरोप तय करते हुए इस मामले में गवाहों को पेश किए जाने की तारीख आगामी 19 जनवरी निर्धारित की है.
प्रतिबंधित आतंकी संगठन इंडियन मुजाहिदीन और इस्लामिक मूवमेंट आफ इंडिया (सिमी) के इन कथित सदस्यों के खिलाफ भादवि की धारा 109, 120 बी, 121, 171 ए, 302, 324, 360, 441 और 468 तथा गैरकानूनी गतिविधि निरोधक अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ अधिनियम सहित अपराध दंड संहिता कानून के तहत आरोप तय किये गये.
एनआईए ने अपने आरोपपत्र में सिमी के झारखंड प्रभारी हैदर अली पर अपने इन सहयोगियों के साथ मिलकर मोदी की रैली के साथ-साथ जुलाई 2013 में बिहार के बोधगया में हुए सिलसिलेवार धमाकों की साजिश रचने और उन्हें अंजाम देने का आरोप लगाया है.
आरोपपत्र में कहा गया है कि आरोपियों ने मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर उनके हित में बाधक होने के कारण उन पर हमला करने की योजना बनायी, लेकिन उनकी रैलियों के दौरान उनके लिए कडी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए भगदड का लाभ उठाकर उन तक पहुंचने के लिए रैलियों के दौरान विस्फोट करने का निर्णय लिया.
आरोपियों ने विस्फोट के लिए आईईडी बनाने के लिए मिर्जापुर से विस्फोटक तथा पटना से अन्य सामग्री खरीदी तथा प्रतिबंधित आतंकी संगठन अलकायदा की पत्रिका ‘इंस्पायर’ से बम बनाने की विधि सीखकर कोहनी के आकार के पाइप में आईईडी लगाया. रैली के दौरान आतंकियों ने 17 स्थानों पर बम लगाये, जिनमें सात विस्फोट हुआ तथा बाकी अन्य को पुलिस, अर्धसैनिक बलों तथा एनएसजी ने निष्क्रिय कर दिया था.
इस मामले पर से पर्दा उस समय हटा जब इन आरोपियों का एक अन्य सहयोगी तारिक उर्फ ऐनुल पुलिस के हत्थे चढ गया, जो पटना जंक्शन पर 27 अक्तूबर 2013 को हुए धमाके के बाद घायलवस्था में फरार हो गया था. बाद में तारिक ने पटना के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड दिया था जिसके बाद एनआईए ने इस मामले में आरोपी अन्य लोगों को देश के विभिन्न भागों से गिरफ्तार कर पटना स्थित एनआईए की विशेष अदालत के समक्ष पेश किया.

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