बिहार में खुलेगा 277 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन, मिलेगा बिजली टैरिफ पर 30 प्रतिशत का अनुदान
राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने और अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन खोलने का निर्णय लिया गया है. वहीं, नयी वाहन नीति में इलेक्ट्रकि वाहन चालकों को चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज कराने के बाद बिजली टैरिफ में 30 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा.
पटना. राज्य में अगले पांच वर्षों में 277 इेल्क्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन खोले जायेंगे. पेट्रोल पंप केअलावा निजी भूमि पर चार्जिंग स्टेशन खोलने पर सब्सिडी भी दी जायेगी. राज्य सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023 को मंजूरी दी है. इसके बाद इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने और अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन खोलने का निर्णय लिया गया है. वहीं, नयी वाहन नीति में इलेक्ट्रकि वाहन चालकों को चार्जिंग स्टेशन पर चार्ज कराने के बाद बिजली टैरिफ में 30 प्रतिशत का अनुदान मिलेगा. यह अनुदान परिवहन विभाग के माध्यम से दिया जायेगा.
पांच वर्षों में 277 स्टेशन खोलने का लक्ष्य
राज्यभर में इलेक्ट्रिक वाहन नीति 2023 को मंजूरी के बाद इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रति लोगों को झुकाव बढ़ाने के लिए जिलों में व्यापक रूप में प्रचार-प्रसार किया जायेगा. परिवहन विभाग की ओर से जारी अधिसूचना में 2028 तक अधिक से अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों की उपलब्धता बढ़ाने का निर्देश है. इसके तहत 2028 तक बिहार में क्रय, निबंधन होने वाले नये वाहनों में से 15 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहन रहेगा. ऐसे में सरकारी विभागों के माध्यम से पांच वर्षों में 277 स्टेशन खोलने का लक्ष्य बनाया गया है. वहीं, निजी भूमि व पेट्रोल पंप पर भी स्टेशन खोलने के लिए जिलों को दिशा-निर्देश जारी किया गया है.
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निजी तौर पर स्टेशन लगाने में भी मिलेगा सब्सिडी
अधिसूचना में कहा गया है कि बिहार सरकार का कोई निगम, बोर्ड, स्थानीय नगर निकाय एवं लोक उपक्रम अपने स्वामित्व की भूमि पर सार्वजनिक चार्जिंग स्थापित करने के लिए प्रोत्साहन के पात्र होंगे. वहीं, निजी तौर पर सभी आवासीय भवन और समितियों भी चार्जिंग स्टेशन लगा सकते हैं. इसके लिए बिहार इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत चार्जिंग स्टेशन शुरू करने पहले 300 एसी चार्जर के लिए प्रति चार्जर उपकरण की खरीद पर 75 प्रतिशत और 25 हजार तक अनुदान मिलेगा. इसमें अधिकतम डेढ़ लाख तक अनुदान मिलेगा. वहीं, डीसी चार्जर में पहले 300 को प्रति चार्जर मशीन खरीद पर 75 प्रतिशत व स्थापित करने के लिए 25 हजार और अधिकतम डेढ़ लाख तक सब्सिडी मिलेगा.
इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या बढ़ाने के लिए होगा प्रचार-प्रसार
विभाग के मुताबिक इन सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों में एक या एक से अधिक चार्जर रहेंगे. वहीं, स्थान एवं अन्य विस्तृत दिशा-निर्देश परिवहन विभाग द्वारा संबंधित विभागों से परामर्श प्राप्त करने के बाद अलग से जारी किया जायेगा. साथ ही, जिला स्तर पर इलेक्ट्रिक गाड़ियों की संख्या बढ़ाने को लेकर प्रचार – प्रसार किया जायेगा. अधिसूचना में सरकारी विभागों के माध्यम से पहले तीन साल में 136 स्टेशन एवं अगले दो साल में 141 चार्जिंग स्टेशन लगाया जायेगा.
इन सरकारी संस्थानों को मिला लक्ष्य
सरकारी संस्थान – लक्ष्य-पांच वर्षों में-
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पथ निर्माण विभाग -30
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एनएचएआइ -20
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बिहार राज्य पुल नि्र्माण निगम लिमिटेड – 16
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बिहार राज्य सड़क विकास निगम-8
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भवन निर्माण विभाग – 20
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उत्तर एवं दक्षिण बिहार विद्युत वितरण निगम – 20
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पटना नगर निगम – 20
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अन्य नगर निकाय- 50
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औद्योगिक क्षेत्र – 10
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बिहार राज्य पथ परिवहन निगम – 17
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केंद्र सरकार के विभाग – 20
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रेलवे – 40
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हवाइ अड्डा -6
यह लिया गया है निर्णय
बिहार में ऊर्जा विभाग के माध्यम से सभी सार्वजनिक और अर्द्ध सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशनों पर लाभुकों को बिजली भुगतान में अनुदान दिया जायेगा. इसको लेकर प्रथम तीन वर्षों में सरकारी एवं अर्द्ध सरकारी चार्जिंग स्टेशनों पर बिजली विभाग की निर्धारित दर के टैरिफ पर 30 प्रतिशत अनुदान लाभुकों को मिलेगा.राज्य सरकार द्वारा दी जाने वाली अनुदान की राशि का उल्लेख इलेक्ट्रिक वाहन उपभोक्ताओं के चार्जिंग बिल पर अंकित होना चाहिए. साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहन उपभोक्ता एवं इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों को नवीकरणीय ऊर्जा की आपूर्ति के लिए भी राज्य सरकार बढ़ावा देगी. इसकी जांच के लिए
जांच समिति का होगा गठन
राज्य स्तरीय इलेक्ट्रिक वाहन संचालन समिति, इलेक्ट्रिक वाहन अनुश्रवण समिति, जिला स्तरीय इलेक्ट्रिक वाहन समिति का गठन होगा. जो नियमित अनुदान सहित अन्य नियमों की जांच करेगा.