परीक्षा में एक कमरे में बैठे 28 अभ्यर्थी, 24 हो गये पास, पटना हाई कोर्ट ने BPSC से मांगा जवाब

मोटर वाहन सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाते हुए मामला अदालत जा पहुंचा है. वादी ने आरोप लगाया है कि बिहार लोक सेवा आयोग ने इस परीक्षा के लिए एक सेंटर पर 28 महिला अभ्यर्थियों को बैठाया था. उसमें से 24 अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास कर ली.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 10, 2022 8:57 AM

पटना. मोटर वाहन सब इंस्पेक्टर की परीक्षा में अनियमितता का आरोप लगाते हुए मामला अदालत जा पहुंचा है. अदालत के सामने एक हैरान करने वाला मामला रखा गया है. वादी ने आरोप लगाया है कि बिहार लोक सेवा आयोग ने इस परीक्षा के लिए एक सेंटर पर 28 महिला अभ्यर्थियों को बैठाया था. उसमें से 24 अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास कर ली.

निगरानी जांच की मांग

याचिकाकर्ता का कहना है कि ये मामला कहीं न कहीं परीक्षा में अनियमितता को उजागर करती है. परीक्षा में गड़बड़ी करने वाला मामला जरूर है. अब इसको लेकर निगरानी जांच के लिए दायर लोकहित याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग से जवाब मांगा है. दो हफ्ते के अंदर ही आयोग को जवाब देना होगा.

इस परीक्षा के 90 पदों पर भर्ती होनी थी

इस मामले को लेकर विनोद कुमार याचिका दायर किया था, जिसपर चीफ जस्टिस संजय करोल और जज एस कुमार की खंडपीठ ने सुनवाई की. आवेदक के वकील दीनू कुमार और रितिका रानी ने कोर्ट को बताया कि इस परीक्षा के 90 पदों पर भर्ती होनी थी, जिसके लिए 5 और 6 मार्च को एग्जाम हुए थे.

24 लड़कियों का रोल नंबर भी लगातार था

आयोग की ओर से कई सेंटर बनाये गये थे. उनमें से एक शास्त्रीनगर के गवर्नमेंट गर्ल्स हाई स्कूल सेंटर पर भी एग्जाम हुए, जिसमें एक ही क्लास रूम में 28 महिला अभ्यर्थियों को बैठाया गया. लेकिन हैरानी की बात है कि इनमें 24 लड़कियों ने एग्जाम क्वालीफाई भी कर लिया. इन 24 लड़कियों का रोल नंबर भी लगातार था.

अब परीक्षा रद्द कराने की मांग शुरू हो गयी

इस मामले पर 9 अगस्त को आवेदन दिये गये. उसपर राज्य सरकार, बीपीएससी, विजिलेंस और आर्थिक अपराध इकाई ने कोई एक्शन नहीं लिया. ये परीक्षा विज्ञापन संख्या- 6/20 के तहत ली गई थी, जिसे अब रद्द कराने की मांग शुरू हो गयी है.

14 अक्टूबर को मामले पर अगली सुनवाई

इतना ही नहीं, कोर्ट से ये मांग भी की गयी है कि पूरे मामले की जांच विजिलेंस और आर्थिक अपराध इकाई से करायी जाये. कोर्ट के तरफ से जवाब आया है कि सरकार और आयोग जब तक मामले को स्पष्ट नहीं करती है तक कोई फैसला नहीं लिया जायेगा. अब 14 अक्टूबर को मामले पर अगली सुनवाई होगी.

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