पटना. वायरस एच3एन2 को लेकर पटना एम्स ने तैयारियां शुरू कर दी है. यहां जरूरत पड़ने पर 30 बेड का आइसोलेशन वार्ड भी तैयार किया जायेगा. एम्स का कहना है कि नये वायरस की जांच और उपचार के लिए संस्थान में समुचित व्यवस्था है. हालांकि इस वायरस का कोई भी पीड़ित अभी तक पटना एम्स में नहीं आया है.
एम्स पटना के कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ ) गोपाल कृष्ण पाल ने सोमवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि इस वायरस से घबराने और डरने की नहीं, बल्कि सावधानी बरतने की जरूरत है. अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि यह वायरस बेहद खतरनाक है. एम्स के सभी बेड आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं और तुरंत उपयोग में लाये जा सकते हैं. यहां सभी प्रकार की जांच की सुविधा, किट्स, दवाइयां व विशेषज्ञ सदैव उपलब्ध हैं.
चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर (डॉ) सी एम सिंह, संक्रामक रोग के फैकल्टी प्रभारी डॉ बिनोद कुमार पति एवं एम्स पटना के प्रवक्ता डॉ श्रीकांत भारती की उपस्थिति में जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि इस वायरस का अभी तक कोई भी पीड़ित मरीज पटना एम्स में नहीं आया है. पटना एम्स के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने कहा है कि एच3एन2 वायरस से कैंसर के मरीजो, ब्लडप्रेशर, डाइबिटीज एवं स्वास्थ्य संबंधी रोगियों में इस इन्फेक्शन के थोड़े ज्यादा गंभीर लक्षण हो सकते हैं.
इंफ्लूएंजा ने स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ आम लोगों की भी चिंता बढ़ा दी है. मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के अलावा अन्य छोटे अस्पतालों में वायरस के संदिग्ध लोग पहुंचने लगे हैं. कोराेना से मिलते-जुलते लक्षण वाले इस बीमारी को देखते हुए पीएमसीएच प्रशासन अलर्ट मोड में हो गया है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ आइएस ठाकुर ने बताया कि अस्पताल में एडवाइजरी जारी कर दी गयी है. हालांकि, अभी स्थिति पूरी तरह से नियंत्रित है. बचाव के सभी इंतजाम किये गये हैं. अस्पताल प्रशासन के पास भी पूरे संसाधन उपलब्ध हैं. डॉ ठाकुर ने कहा कि अगर जरूरत पड़ी, तो टाटा वार्ड में बने पुराने कोविड वार्ड में इंफ्लूएंजा से पीड़ित मरीजों के लिए 20 बेड रिजर्व किये जायेंगे. इसकी तैयारी अस्पताल प्रशासन की ओर से कर ली गयी है.
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बचाव के लिए बरतें सावधानी
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भीड़ भाड़ से बनाएं दूरी
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हाथों की नियमित सफाई करें
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मास्क लगाना जरूरी