पटना एम्स में अगले साल तक तैयार हो जाएगा 300 बेड का सीसीयू, अगस्त तक बन जाएगा बर्न वार्ड
एम्स पटना ने सेवाओं का विस्तार करते हुए कई नये प्रोजेक्ट शुरू किये गए हैं. इसी के तहत एक बर्न वार्ड भी इसी साल अगस्त तक तैयार जायेगा. इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.
पटना एम्स में नवंबर 2024 तक क्रिटिकल केयर यूनिट बनकर तैयार हो जायेगी. इसमें वेंटीलेटर युक्त 300 से अधिक बेड होंगे. यहां डॉक्टरों और शिक्षकों के रिक्त पदों पर भर्ती की प्रक्रिया लगातार चल रही है .यह बातें मंगलवार की शाम पटना एम्स में आयोजित एक प्रेस वार्ता इसके निदेशक डॉ जीके पाल ने कही. उन्होंने कहा कि गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए पटना एम्स में फिलहाल वेंटीलेटर युक्त 121 बेड हैं. उन्होंने बताया कि बिहार के अधिकांश मेडिकल कॉलेजों और निजी अस्पतालों से अत्यंत गंभीर रूप से बीमार मरीजों को पटना एम्स रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में पटना एम्स की प्राथमिकता भर्ती मरीजों को वेंटिलेटर युक्त बेड उपलब्ध कराने की रहती है .
तीन माह में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा
डॉ पाल ने बताया कि सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर पटना एम्स के लिए करीब 26 एकड़ जमीन उपलब्ध करायी जा रही है. पटना एम्स में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा तीन माह में उपलब्ध हो जायेगी. उन्होंने बताया कि रोजाना पांच हजार से अधिक मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. जल्द ही एक और एमआरआइ मशीन लगायी जायेगी.
अगस्त तक तैयार हो जायेगा बर्न वार्ड
पटना एम्स निदेशक डॉ जीके पाल ने बताया कि अस्पताल में रिक्तियों को तेजी से भरते हुए लगभग तीन चौथाई फैकल्टी पदों को भरा जा चुका है. पिछले दो महीनों में एम्स पटना ने सीनियर रेजिडेंट, जूनियर रेजिडेंट, नर्सिंग और अन्य नॉन फैकल्टी पदों पर लगातार भर्तियां की हैं, जिसके फलस्वरूप रिक्तियों की संख्या घट कर एक तिहाई रह गयी है. उन्होंने कहा कि एम्स पटना ने सेवाओं का विस्तार करते हुए कई नये प्रोजेक्ट शुरू किये हैं. इसी के तहत एक बर्न वार्ड भी इसी साल अगस्त तक तैयार जायेगा. इसका निर्माण कार्य अंतिम चरण में है.
बनेगा अकादमिक भवन
डॉ पाल ने बताया कि एम्स पटना में एक अलग अकादमिक भवन बनाने के लिए भी मंत्रालय से बजट स्वीकार हो चुका है, जिसका प्रयोग पढ़ाई और रिसर्च के लिए किया जाना है. पटना एम्स में आने वाले मरीजों को हर तरह की सुविधा मिले इसके लिए सुपर स्पेशलिटी, क्रिटिकल केयर यूनिट बनाने की प्रक्रिया शुरू है. मेडिकल उपकरणों की कमी भी दूर की जा रही है. स्टूडेंट्स के लिए स्पोर्ट्स सेंटर, योगा सेंटर पर तेजी से काम चल रहा है.
सभी एम्स से ज्यादा तेजी से सुविधाएं उपलब्ध करा रहा पटना एम्स
निदेशक ने बताया कि देशभर के सभी एम्स से ज्यादा तेजी से पटना एम्स मरीजों को सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है. पटना एम्स की वेबसाइट पर एम्स के विकास योजनाएं, फैकल्टीज की भर्ती, फैकल्टीज की रिक्तियां, नन फैकल्टीज समेत सारी जानकारियां सबसे पहले अपडेट की जाती है.
कोई मरीज बगैर इलाज नहीं लौटे, इसलिए बढ़ायी जा रही सुविधा
डॉ पाल ने बताया कि पटना एम्स पर मरीजों का भारी दबाव है. यहां स्थिति पहले से बेहतर हुई है. बाहर से रोजाना आने वाले अत्यंत गंभीर 100 मरीजों में से आठ से 10 मरीजों को ही लौटना पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि किडनी के रोगियों के लिए फिलहाल नेफ्रोलॉजी विभाग के दो फैकल्टी अपनी सेवा दे रहे हैं . न्यूरो विभाग में डॉक्टर आनंद विभागाध्यक्ष बनाये गये हैं. अब न्यूरो के मरीजों को इलाज में कोई परेशानी नहीं होगी. उन्होंने बताया की रोजाना पांच हजार से ऊपर मरीज ओपीडी में आ रहे हैं. नीकू में अभी आठ बेड हैं. जल्द ही नीकू वार्ड 24 बेड का हो जायेगा.
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96 करोड़ रुपये से खरीदें जायेंगे उपकरण
सेवाओं के विस्तार करने की श्रृंखला में एम्स पटना ने लगभग 96 करोड़ रुपये के उपकरणों की खरीददारी की मंजूरी मिल चुकी है. इनमें से दस करोड़ के उपकरण खरीदे भी जा चुके हैं. अगले दो से तीन महीने के भीतर सभी उपकरण खरीद लिये जायेंगे . प्रेस कॉन्फ्रेंस में अस्पताल अधीक्षक प्रोफेसर चंद्रमणि सिंह ने भी अस्पताल में मौजूद सुविधाओं के बारे में जानकारी साझा की. डीन प्रोफेसर उमेश कुमार भदानी ने एम्स में छात्रों के एडमिशन, उनके लिए उपलब्ध सुविधाओं पर प्रकाश डाला. डॉ संजीव कुमार, हेड कार्डियोथोरेसिक सर्जरी और कोविड के नोडल अधिकारी ने एम्स पटना में कोविड व अन्य वायरस जनित बीमारियों से निपटने की तैयारियों की जानकारी दी. प्रवक्ता डॉ श्रीकांत भारती ने कहा कि पत्रकारों और एम्स पटना के बीच सूचना साझा करने की प्रक्रिया को और भी सुगम बनाया जायेगा. कार्यक्रम का समापन उपनिदेशक (प्रशासन) डॉ अरुण कुमार के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ.