पटना : जद (यू) नेतृत्व के खिलाफ जाकर बिहार के मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने एक ओर जहां विधायक दल की कल होने वाली बैठक को अनधिकृत करार दिया है, वहीं उन्होंने 20 फरवरी को विधायक दल की बैठक भी बुलायी है.मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से आज जारी एक बयान में कहा गया कि मांझी ने 20 फरवरी को शाम सात बजे अपने आधिकारिक आवास पर जद (यू) विधायक दल की बैठक बुलायी है.
मांझी ने पार्टी अध्यक्ष शरद यादव द्वारा सात फरवरी को बुलायी गयी जद (यू) विधायक दल की बैठक को अनधिकृत करार दिया है.मुख्यमंत्री ने कल देर रात एक बयान में कहा था, विधायक दल की बैठक बुलाने की शक्ति विधायक दल के नेता (मुख्यमंत्री) के पास होती है. सात फरवरी को बैठक बुलाने का नोटिस वैध नहीं है. जद (यू) महासचिव केसी त्यागी ने पार्टी अध्यक्ष द्वारा बुलायी गयी विधायक दल की बैठक को वैध करार दिया.
त्यागी ने संवाददाताओं से कहा कि जद (यू) के संविधान के अनुसार नियम 21 के तहत पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल की बैठक बुलाने की शक्ति प्राप्त है.इस बीच, भाजपा ने कहा कि वह स्थिति पर इंतजार करो और देखो का रूख अपना रही है. वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा, हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं और उचित समय पर निर्णय करेंगे. भाजपा के लिए सभी विकल्प खुले हैं. उनसे पूछा गया था कि यदि मांझी को खुद उनकी पार्टी बर्खास्त कर देती है तो क्या भाजपा मांझी का समर्थन करेगी.
विधायी मामलों के मंत्री श्रवण कुमार ने कल होने वाली विधायक दल की बैठक पर मांझी के विचारों को खारिज किया.विधानसभा में जद (यू) के मुख्य सचेतक कुमार ने कहा कि जद (यू) का संविधान विधायक दल की बैठक बुलाने के लिए पार्टी अध्यक्ष को विशेष अधिकार देता है.
मांझी द्वारा 20 फरवरी को बुलायी गयी विधायक दल की बैठक के बारे में नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी श्रवण कुमार ने कहा, मुद्दे पर कल की विधायक दल की बैठक में चर्चा की जायेगी. राज्य के मानव संसाधन विकास मंत्री ब्रजेश पटेल ने मांझी के प्रति समर्थन व्यक्त किया है और कहा कि वह शरद यादव द्वारा कल बुलायी गयी जद (यू) विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं होंगे.ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने भी यही विचार व्यक्त किया है.