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Muzaffarpur जिले में मिले 32 हजार 610 डायबिटीज के नए मरीज, सर्वे में हुआ खुलासा

Muzaffarpur: अनियमित खान-पान से युवा डायबिटीज की जद में आ रहे हैं. समय के साथ इस बीमारी का फैलाव बढ़ रहा है.

Muzaffarpur: मुजफ्फरपुर जिले में डायबिटीज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले एक साल में 32 हजार 610 डायबिटीज के नए मरीज मिले हैं. शहर से लेकर पीएचसी तक रैंडम जांच में इन मरीजों में डायबिटीज की पुष्टि हुई है. इस सेल की ओर से 1 अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक कैंप लगा कर सभी उम्र के मरीजों की जांच की गयी थी. कैंप में सात लाख 11 हजार 963 लोगों की डायिबटीज और ब्लड प्रेशर की जांच हुई थी, जिसमें 33 हजार 431 मरीजों में हाई ब्लड प्रेशर की बीमारी मिली. सबसे बड़ी बात है कि दो हजार 58 युवा डायबिटीज से पीड़ित पाये गये. 

नियमित खान-पान से बीमारी की जद में आ रहे युवा 

एनसीडी सेल प्रभारी डॉ नवीन कुमार ने कहा कि अनियमित खान-पान से युवा अब इस बीमारी की जद में आ रहे हैं. समय के साथ इस बीमारी का फैलाव बढ़ रहा है. अधिकतर लोगों को इस बात की जानकारी ही नहीं होती कि वे इस बीमारी से ग्रसित हैं. जब किसी अन्य बीमारी के इलाज के लिए या डायबिटीज जनित लक्षण से पीड़ित होकर डॉक्टर के पास जाते हैं तो उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चलता है.

जिले में 17 फीसदी लोग रोग से पीड़ित

जिले में 17 फीसदी लोग मधुमेह पीड़ित है. नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़े के अनुसार मधुमेह पीड़ित रोगियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले पांच सालों में छह फीसदी मधुमेह के रोगी बढ़े हैं. शहरों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी यह बीमारी बढ़ रही है. डॉक्टरों का कहना है कि अनियमित खान-पान, प्रकृति के विरुद्ध दिनचर्या, व्यायाम नहीं करना, शारीरिक श्रम में कमी आना और तनाव प्रमुख है.

डायबिटीज से कैसे करें बचाव

डययबिटीज आनुवंशिक कारणों से भी होता है. यानी वंशागत संक्रमण और परिवार में माता-पिता में किसी एक डायबिटीज के संक्रमित होने की वजह से भी उम्र बढ़ने के साथ डायबिटीज हो जाता है, इसलिए 25 वर्ष की उम्र के बाद हर छह महीने में जांच करानी चाहिए. इसके अलावा जीवन शैली को संतुलित रखना जरूरी है. मोटापा नहीं हो, इसका ख्याल रखना होगा. शारीरिक रूप से क्रियाशील होना, अच्छी नींद लेना और रोज व्यायाम करना जरूरी है.

सही डाइट , व्यायाम और सात-आठ घंटे की नींद जरूरी

जितना अधिक व्यक्ति का ब्लड शुगर होगा, उतना ही उसे हृदय रोग का खतरा बना रहेगा. डायबिटीज से पीड़ित लोगों को दिल के दौरे से बचने के लिए डॉक्टर के बताए अनुसार जरूरी जांच करानी चाहिए. 30-35 वर्ष की आयु के बाद डॉक्टर या विशेषज्ञ के निर्देशानुसार कम से कम सल में एक बार डायबिटीज की जांच करानी चाहिए. इससे शुरुआती स्तर पर ही रोग का पता चल जाएगा. सभी काे सही डायट, व्यायाम और सात से आठ घंटे की नींद निश्चित रूप से लेना चाहिए. जिन डायबिटीज मरीजों को दम फूलने की शिकायत हो तो हृ़दय रोग विशेषज्ञ से सलाह लेना चाहिए.

डॉ एके दास

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