बिहार में 33 तरह की संक्रामक बीमारियों की होगी माॅनीटरिंग, नेशनल पोर्टल पर होगा डेटा दर्ज
बिहार में होने वाली एक्यूट डायरिया, डिसेंट्री, हेपेटाइटिस, बुखार व मलेरिया सहित 33 प्रकार की संक्रामक बीमारियों के आउटब्रेक का रियल टाइम अपडेट अब नेशनल पोर्टल पर होने लगा है. एक जुलाई से इन बीमारियों को एएनएम से लेकर चिकित्सक व लैब तकनीशियन अलग- अलग फाॅर्म से इसे नेशनल पोर्टल पर दर्ज करेंगे.
पटना. बिहार में होने वाली एक्यूट डायरिया, डिसेंट्री, हेपेटाइटिस, बुखार व मलेरिया सहित 33 प्रकार की संक्रामक बीमारियों के आउटब्रेक का रियल टाइम अपडेट अब नेशनल पोर्टल पर होने लगा है. एक जुलाई से इन बीमारियों को एएनएम से लेकर चिकित्सक व लैब तकनीशियन अलग- अलग फाॅर्म से इसे नेशनल पोर्टल पर दर्ज करेंगे.
इंटीग्रेटेड डिजिज सर्विलांस पोर्टल पर होगा अपलोड
इससे जिला स्तर व राज्य स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक किसी खास क्षेत्र में फैलने वाली संक्रामक बीमारियों की मॉनीटरिंग की जा रही है. अभी तक सिर्फ 12 प्रकार की बीमारियों के आउटब्रेक होने के बाद उसे इंटीग्रेटेड डिजिज सर्विलांस पोर्टल पर अपलोड किया जाता था.
एएनएम से लेकर चिकित्सकों तक को दी गयी जिम्मेदारी
कोरोना काल के बाद यह महसूस किया जाने लगा कि किसी भी राज्य में बीमारियों के आउटब्रेक की रियल टाइम सूचना के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पोर्टल तैयार किया जाये. अब इंटीग्रेटेड हेल्थ इनफॉर्मेशन प्लेटफॉर्म (आइएचआइपी) तैयार किया गया है. इस पोर्टल पर गांव-गांव में काम करने वाली एएनएम से लेकर ऊपर तक के चिकित्सकों को बीमारियों के रियल टाइम अपडेट करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है. एएनएम को जितने प्रकार के बुखार होते हैं, उनको एक खास फाॅर्म में अपलोड करना है.
इन बीमारियों की होगी निगरानी
इसी प्रकार से पीएचसी पर चिकित्सकों द्वारा भी बीमारियों के आउटब्रेक की सूचना को दर्जकिया जाना है. जिन बीमारियों के आउटब्रेक की सूचना को रियल टाइम अपलोड किया जाना है, उनमें बीमारियों के लक्षण, डायरिया, डिसेंट्री, बुखार, मलेरिया, डेंगू, चिकेनगुनिया, इंसेफ्लाइटिस, मेनेनजाइटिस, मिजिल्स, डिफ्थेरिया, पर्ट्युसिस, चिकेनपॉक्स, अज्ञात बुखार, एक्युट श्वसन की बीमारी, निमोनिया, एएफपी, कुत्ता काटना, सांप काटना जैसी बीमारियां शामिल हैं.
एक जुलाई से शुरू हो गया है काम
राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डाॅ रणजीत कुमार ने बताया कि बिहार ने अब संक्रामक बीमारियों को नेशनल पोर्टल पर अपलोड करने का काम एक जुलाई से शुरू कर दिया गया है. इसका परीक्षण अप्रैल से चल रहा था. उन्होंने बताया कि 87 प्रतिशत बीमारियों का रियल टाइम अपलोड होने लगा है. इससे राष्ट्रीय स्तर पर बीमारियों की मॉनीटरिंग संभव होगी.