पटना. बेकाबू हो रहे डेंगू बुखार के बाद प्लेटलेट्स की मांग पिछले एक महीने में कई गुना बढ़ गयी है. इन दिनों शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में प्रतिदिन 65 से 70 सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) और 60 से 65 यूनिट रेंडम डोनर प्लेटलेट्स (आरडीपी) की खपत है. प्लेटलेट्स की बढ़ती मांग से डेंगू मरीजों के परिजन रात तक ब्लड बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं. प्लेटलेट्स की जरूरत वाले मरीज को सबसे पहले डोनर चाहिए. इसके बाद प्लेटलेट्स निकालने का खर्च देना होता है.
सरकारी अस्पतालों के ब्लड बैंक में एक यूनिट एसडीपी पर करीब 6000 तो प्राइवेट ब्लड बैंक में 11 हजार रुपये व आरडीपी का 400 रुपए चार्जनिर्धारित है़ स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल के डायरेक्टर डॉ एनके गुप्ता ने बताया कि डेंगू के कारण प्लेटलेट्स की मांग अधिक हो गयी है. सरकारी और प्राइवेट ब्लड बैंक से रोजाना एसडीपी व आरडीपी मांग हो रही है. इसे देखते हुए शहर के सभी सरकारी और प्राइवेट ब्लड सेंटरों को अलर्ट कर दिया गया है. वहीं, लोगों से भी अपील की जा रही है कि वह रक्त व प्लेटलेट्स डोनेट करें़ साथ ही ब्लड सेंटरों को भी अधिक स्टॉक रखने को कहा गया हैं.
पीएमसीएच, आइजीआइएमएस व एनएमसीएच में गुरुवार को डेंगू के 32 नये मरीज मिले. इनमें सबसे अधिक एनएमसीएच में 16, पीएमसीएच में 12 व आइजीआइएमएस में सात मरीज मिले हैं. तीनों ही अस्पतालों में बुखार से पीड़ित 72 लोगों के सैंपलों की जांच करायी, जिनमें 35 में डेंगू की पुष्टि हुई. इनमें छह व आठ साल के दो बच्चे, चार किशोरों व 12 युवक हैं. इसके साथ ही जिले में डेंगू मरीजों की संख्या 325 तक पहुंच गयी है़
तीनों अस्पतालों में डेंगू के कुल 31 मरीज भर्ती हैं. गुरुवार को चार लोगों को डिस्चार्ज किया गया. सिविल सर्जन डॉ केके राय का कहना है कि मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिए सभी को जागरूक किया जा रहा है. अगर किसी को बुखार आता है, तो स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर सबसे पहले अपनी जांच कराएं. केवल लक्षण देखकर किसी तरह की दवा का सेवन न करें.