झारखंड:धनबाद में नियमों को हवा में उड़ा रही हैं कोयला कंपनियां

धनबाद: चौदह साल का राजू इस कोयला खनन शहर के झरिया में सड़क किनारे अपने दोस्तों के साथ कंचे खेल रहा है और इसके साथ ही उनके पास से गुजरते ट्रकों में खुले रखे कोयलों की राख को हवा में उड़ते तथा प्रदूषण फैलाते हुए साफ देखा जा सकता है. कोयले की उड़ती हुई राख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 19, 2013 11:18 AM

धनबाद: चौदह साल का राजू इस कोयला खनन शहर के झरिया में सड़क किनारे अपने दोस्तों के साथ कंचे खेल रहा है और इसके साथ ही उनके पास से गुजरते ट्रकों में खुले रखे कोयलों की राख को हवा में उड़ते तथा प्रदूषण फैलाते हुए साफ देखा जा सकता है.

कोयले की उड़ती हुई राख से स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान से शायद यह लड़का अनजान हो, लेकिन धनबाद के लोग इस बारे में जानकारी होने के बावजूद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों का खुला उल्लंघन के लिए मजबूर हैं. नियम के अनुसार कोयलों को लेकर जाने वाले ट्रकों को तिरपाल से ढकना कंपनियों की जिम्मेदारी है.

झारखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कोयला उद्योग एवं वाशरीज को नोटिस भेजकर वायु प्रदूषण नियंत्रण अधिनियम का पालन करने के लिए कहा है जिसके तहत यह जरुरी है कि औद्योगिक कचरा ले जाते वक्त उसे तिरपाल से ढका जाना चाहिए. यह मुद्दा झारखंड उच्च न्यायालय तक पहुंच गया है और अदालत ने झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से प्रदूषण रोकने के लिए उठाये गये कदमों पर स्थिति रिपोर्ट मांगी है.

जून में धनबाद में ‘प्रदूषित क्षेत्रों’ का खुद निरीक्षण करने वाले बोर्ड के अध्यक्ष मणिशंकर ने रांची में कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है और हम इसे उच्च न्यायालय के सामने रखेंगे. हमने प्रदूषण फैलाने वाली कुछ इकाइयों को बंद करने जैसे कदम उठाये हैं. लेकिन उन्हें अपनी इकाइयां फिर से खोलने का अदालत का आदेश मिल गया है.

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