पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इतने संवेदनहीन हो गये हैं कि उन्होंने शहीद सैनिकों के श्रद्धकर्म में शामिल होना भी मुनासिब नहीं समझा. यही नहीं, खगड़िया में हुए रेल हादसे के मृतकों के परिजनों व घायलों से मिलने का भी समय नहीं निकाला. यह आरोप विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नंद किशोर यादव ने लगाया.
पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि मंगलवार को तीन शहीद सैनिकों का श्रद्धकर्म था. छपरा के दो शहीद सैनिकों के श्रद्धकर्म में सुशील मोदी, जबकि बिहटा के शहीद के श्रद्ध में मैं खुद शरीक हुआ. आरा में भी शहीद का श्रद्ध होना है, जिसमें भी भाजपा के नेता शामिल होंगे. श्री यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री का जनता दरबार अब लोगों की समस्याओं के समाधान की जगह नहीं रह गयी. वहां अपनी फरियाद लेकर पहुंचनेवालों को अब पुलिस की लाठियां खानी पड़ती हैं. खगड़िया हादसे के लिए उन्होंने रेलवे व बिहार सरकार को समान रूप से जिम्मेवार ठहराया. उन्होंने बताया कि उनके पथ निर्माण मंत्री काल में ही खगड़िया की सड़कों को स्टेट हाइवे घोषित किया गया था. काफी हद तक सड़कों का निर्माण भी हो गया है. केवल स्टेशन के आसपास का इलाका ही शेष बचा था.
कार्यकर्ताओं का था प्रस्ताव
बिहार भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति में नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाने संबंधी प्रस्ताव पर केंद्रीय नेताओं द्वारा नाराजगी जताये जाने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि वह किसी नेता का नहीं, बल्कि बिहार भाजपा के कार्यकर्ताओं का प्रस्ताव था. बैठक में सभी जिलों से आये पार्टी पदाधिकारियों ने मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का भाव प्रकट किया था. प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार की राजनीति में भाजपा का आकर्षण बढ़ रहा है. लोग मान रहे हैं कि भाजपा के नेतृत्व में ही देश और राज्य का विकास हो सकता है.
इस दौरान पूर्व मंत्री चंद्रमोहन राय, विधायक विनोद नारायण झा, विधान पार्षद लालबाबू प्रसाद व प्रदेश महामंत्री प्रो सूरजनंदन मेहता भी मौजूद थे. मौके पर धनहा के पूर्व राजद विधायक श्याम नारायण यादव, जदयू के प्रदेश महामंत्री डॉ इंदूभूषण सिंह कुशवाहा, कांग्रेस के अनूप तिवारी, जगदीशपुर से सपा की पूर्व प्रत्याशी नेहा कुशवाहा, मुखिया मदन यादव, रविरंजन यादव, कमलेश यादव व रामदयाल यादव ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.