पटना में 24 घंटे के दौरान मिले डेंगू के 38 नये मरीज, आंकड़ा पहुंचा 298 के पार
मरीजों के सैंपल की हुई जांच में 38 नये मरीजों में पुष्टि हुई है. सभी मरीजों का एलाइजा टेस्ट में यह रिपोर्ट दर्ज की गयी है. इनमें सबसे अधिक पीएमसीएच 11 मरीज मिले हैं. इनमें आठ ऐसे मरीज ऐसे हैं, जिन्हें काफी तेज बुखार है. 24 घंटे में संबंधित अस्पतालों में छह मरीज भर्ती किये गये हैं.
पटना. राजधानी पटना में लगातार डेंगू अपना पांव पसार रहा है. रविवार को शहर के पीएमसीएच, एनएमसीएच, आइजीआइएमएस समेत आधा दर्जन निजी लैब में डेंगू संदिग्ध मरीजों के सैंपल की हुई जांच में 38 नये मरीजों में पुष्टि हुई है. सभी मरीजों का एलाइजा टेस्ट में यह रिपोर्ट दर्ज की गयी है. इनमें सबसे अधिक पीएमसीएच 11 मरीज मिले हैं. इनमें आठ ऐसे मरीज ऐसे हैं, जिन्हें काफी तेज बुखार है. 24 घंटे में संबंधित अस्पतालों में छह मरीज भर्ती किये गये हैं. जिनकी उम्र 16 साल से लेकर 67 वर्ष के बीच की है. इसके साथ ही जिले में डेंगू मरीजों का आंकड़ा 298 पहुंच गया है. वहीं, अब तक कुल 18 मरीज भर्ती हैं. वहीं सिविल सर्जन डॉ श्रवण कुमार के अनुसार जिले में अभी एक भी डेंगू से मरीज की मौत नहीं हुई है. सभी अस्पतालों में नगर-निगम के सहयोग से फॉगिंग करायी जा रही है.
ये लक्षण होने पर डॉक्टर से करें संपर्क
गार्डिनर रोड अस्पताल के अधीक्षक डॉ मनोज कुमार सिन्हा ने कहा कि इन दिनों हमारे यहां सबसे ज्यादा बुखार के मरीज आ रहे हैं, जो टायफाइड, मलेरिया और डेंगू से ग्रसित हैं. उन्होंने कहा कि इसके लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें, क्योंकि इलाज सही समय से मिल जाये तो मरीज तुरंत ठीक हो जाते हैं और इसमें मौत के चान्सेस एक परसेंट से भी कम होते हैं. अगर शरीर मे खुजली हो रही है, दाने निकल रहे हों, मसूड़ों से ब्लड आ रहा हो या फिर काले रंग का दस्त हो रहा हो तो तत्काल डेंगू की जांच कराएं. पुष्टि होने पर पैरासीटामॉल दवाई के साथ लक्विडि चीजों का सेवन ज्यादा करें.
अस्पतालों में दवा एवं ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित करें डीएम
पटना प्रमंडल आयुक्त कुमार रवि ने डेंगू के रोकथाम के लिए पटना, नालन्दा, भोजपुर, रोहतास, बक्सर एवं भभुआ के डीएम को अस्पतालों में दवा एवं ब्लड की उपलब्धता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, रेफरल अस्पतालों तथा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम को सक्रिय रखने के लिए कहा गया है. डेंगू पर नियंत्रण के लिए जिला प्रशासन, नगर निकाय, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, पीएचइडी आपस में समन्वय स्थापित कर काम करें.
आयुक्त ने दिये ये निर्देश
डेंगू के लक्षण व इससे बचने के उपाय का व्यापक प्रचार-प्रसार करने का पांचों जिले के सिविल सर्जन को निर्देश दिया. नगर निकाय विशेष अभियान चलाकर फॉगिंग व जल-जमाव को रोकना सुनिश्चित करें.फागिंग व टेमीफॉस का नियमित छिड़काव किया जाए. आयुक्त ने कहा कि सरकारी व निजी रक्त केंद्रों में प्लेटलेट्स की सुविधा आदि की सूचना समाचार पत्रों के माध्यम से नियमित तौर पर दी जा रही है.सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए राज्य के सरकारी रक्त केंद्रों में प्लेटलेट्स व ऐपहेरेसिस निःशुल्क उपलब्ध है. सरकारी रक्त केंद्रों द्वारा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए प्रोसेसिंग शुल्क निर्धारित है.
प्राइवेट रक्त केंद्रों की करें निगरानी
प्राइवेट रक्त केंद्रों द्वारा अधिकतम प्रोसेसिंग शुल्क भी निर्धारित है. आयुक्त ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित राशि से अधिक की राशि लिए जाने की शिकायत आने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने लोगों से अपील की कि दलालों तथा बिचौलियों से सावधान रहें.छात्रों को डेंगू के प्रकोप से बचाना अत्यंत आवश्यक है. सभी विद्यालयों व महाविद्यालयों में हेल्थ एडवायजरी का अनुपालन सुनिश्चित की जाए.