भाकपा ने दिये जदयू से गंठबंधन के संकेत
कांग्रेस–भाजपा के खिलाफ बने मोरचा : रेड्डी पटना : लोकसभा चुनाव में जदयू को भाकपा का साथ मिल सकता है. पार्टी महासचिव एस सुधाकर रेड्डी और पार्टी के पूर्व महासचिव एबी वर्धन ने इसके संकेत दिये. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हम वाम एकता के पक्षधर हैं. पटना में एक सेमिनार में भाग लेने […]
कांग्रेस–भाजपा के खिलाफ बने मोरचा : रेड्डी
पटना : लोकसभा चुनाव में जदयू को भाकपा का साथ मिल सकता है. पार्टी महासचिव एस सुधाकर रेड्डी और पार्टी के पूर्व महासचिव एबी वर्धन ने इसके संकेत दिये. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि हम वाम एकता के पक्षधर हैं.
पटना में एक सेमिनार में भाग लेने आये श्री रेड्डी ने कहा कि तीसरे मोरचा को लेकर हम सहमत नहीं हैं. तीसरा मोरचा का अर्थ गैर कांग्रेस व भाजपा है. हम उस मोरचे के पक्षधर हैं, जिसकी आर्थिक नीतियां स्पष्ट हों. एक अल्टरनेटिव फ्रंट बनना चाहिए.
यही फ्रंट देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है. लोकसभा चुनाव में जदयू या किस दल से गंठबंधन हो, इसका फैसला चुनाव की घोषणा होने पर ही होगा. हम वामपंथी एकता के पक्षधर हैं. किसी भी पार्टी के साथ जाने से पहले वाम दलों से बातचीत होगी.
वहीं, श्री वर्धन ने कहा कि 17 साल पुराने गंठबंधन को तोड़ कर नीतीश कुमार ने एक साहसिक कदम उठाया है. जदयू सरकार को समर्थन देने के निर्णय पर पार्टी में अंतरविरोध हुआ था. यह अच्छी बात है कि सीपीआइ यस मैन की पार्टी नहीं है. लेकिन, हमें तात्कालिक निर्णय लेना पड़ा. जदयू और भाजपा की यह दूरी कितने दिनों तक रहेगी, यह देखना होगा. जिस दिन ये दोनों दल एक साथ आयेंगे, सीपीआइ को अलग होने से कौन रोकेगा.