भटकल नौकरी का झांसा देकर बना देता था आतंकवादी
सालों दरभंगा में रहा भटकल,बेरोजगार युवकों को बरगलायादरभंगा:आतंकी यासीन दरभंगा में सालों रहा था. इस दौरान उसने आइएम का नेटवर्क का विस्तार किया था. भटकल दरभंगा के सदर थाना क्षेत्र के सारामोहनपुर, लहेरियासराय थाना क्षेत्र के सैदनगर, महेशपट्टी व चकजोहरा, मब्बी सहायक थाना क्षेत्र के शिवधारा जमालचक रहा था. भटकल का एक कॉलेज के लाइब्रेरी […]
सालों दरभंगा में रहा भटकल,बेरोजगार युवकों को बरगलाया
दरभंगा:आतंकी यासीन दरभंगा में सालों रहा था. इस दौरान उसने आइएम का नेटवर्क का विस्तार किया था. भटकल दरभंगा के सदर थाना क्षेत्र के सारामोहनपुर, लहेरियासराय थाना क्षेत्र के सैदनगर, महेशपट्टी व चकजोहरा, मब्बी सहायक थाना क्षेत्र के शिवधारा जमालचक रहा था. भटकल का एक कॉलेज के लाइब्रेरी में भी आना-जाना था. इन जगहों पर रहकर भटकल यहां के पढ़े-लिखे व बेरोजगार नैजवानों को अपने जाल में फंसाता था. कुछ को इंजीनियर बनाने तो कुछ को नौकरी दिलाने का लोभ देकर अपने संगठन में शामिल किया.
यासीन भटकल दरभंगा को सेफ जोन मानकर मिथिलांचल से लेकर नेपाल तक आइएम का तगड़ा नेटवर्क तैयार किया. 21 फरवरी 2012 को दरभंगा के शिवधारा से साइकिल मिस्त्री मो कफील की गिरफ्तारी से कुछ महीने पहले तक जमालचक में रहा था. बताया जाता है, यासीन चेन सिस्टम के माध्यम ये यहां से नौजवानों से मिलता था. चेतन का अंतिम कड़ी मो कफील था.मो कफील ही किसी नौजवान को यासीन से मुलाकात कराता था. बताया यह भी जाता है, कफील के घर भी यासीन कई महीनों तक पनाह लिया था. एनआइए को जब तक यासीन के जमालचक में पनाह लेने का पुख्ता सबूत मिलता, तब तक यासीन नेपाल के रास्ते फरार हो गया.
21 फरवरी 2012 को मो कफिल की गिरफ्तारी के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि यासीन दरभंगा में वर्षो रहा था. फिर 21 जनवरी को लहेरियासराय थाना क्षेत्र के चकजोरा से मो दानिश अंसारी की गिरफ्तारी के बाद खुलासा हुआ, मिल्लत कॉलेज में समस्तीपुर जिले के कल्याणपुर के मो तहसीम उर्फ मोनू ने दानिस को यासीन से मुलाकात करायी थी. दानिस ने बताया, मोनू वर्ष 2011 में इंजीनियर बनाने का वादा कर दिल्ली ले गया. वहां, मोनू ने उसकी मुलाकात यासीन भटकल से करायी थी. भटकल ने दानिस का ब्रेन वाश कर आतंकी बनने को कहा था. दानिस के अनुसार मौका पाकर वह दिल्ली से भाग गया. इसके बाद मोनू के साथ यासीन भटकल दानिस के घर पहुंच गया. दानिस संगठन में जुड़ने को कहा.
वर्षो से भटक रही थीं सुरक्षा एजेंसियां
मोतिहारी:रक्सौल से गिरफ्तार भटकल की तलाश केंद्रीय एजेंसियों को सालों से थी. सूचना के अनुसार केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां महीनों से उसकी तलाश में सीमाई क्षेत्र पर नजर रखे हुए थी. एक विशेष टीम दरभंगा में कुछ दिनों से कैंप कर रही थी. भटकल को पकड़ने में रॉ व आइबी की महत्वपूर्ण भूमिका बतायी जाती है. इन्हें भटकल के सीमाई क्षेत्र में होने की पुख्ता जानकारी थी. सुरक्षा एजेंसियों को यह भय भी सता रहा था, अगर इस बार भी वह हाथ से निकल गया तो परेशानी बढ़ जायेगी. और अंतत: बुधवार रात पुलिस के गिरफ्त में आ गया. मुंबई, दिल्ली, पुणे ब्लास्ट सहित जर्मन बेकरी कांड, दिल्ली उच्च न्यायालय के गेट पर हुए ब्लास्ट में भटकल की संलिप्तता बतायी जा रही है. इसके पूर्व भी भटकल कई बार पुलिस के हाथों से बाल-बाल बच निकलता रहा है.
सीमा क्षेत्र में बढ़ रही भारत विरोधी ताकतों की हरकतें
रक्सौल:भारत-नेपाल का सीमाई क्षेत्र भारत विरोधी ताकतों का गढ़ बनता जा रहा है. पिछले दो सप्ताह में दो बड़े आतंकियों की गिरफ्तारी इसका प्रमाण है. पहले उतरांचल सीमा से सैयद अब्दुल करीम टुंडा की. अब रक्सौल से यासीन भटकल की गिरफ्तारी हुयी है. दोनों बड़े आतंकी हैं. भटकल की रक्सौल से गिरफ्तारी रक्सौल-वीरगंज सीमा के संवेदनशीलता के फिर से उजागर किया है. पहले भी रक्सौल सीमा से कई आतंकी गिरफ्तार किये गये हैं. 2001 में पाकिस्तान के पेशावर निवासी कासीम फरहान को अवैध रूप से भारत में प्रवेश करते समय गिरफ्तार किया गया था. 2002 में दो अफगानी दामगुल पठान व अब्दुल गफार को, 2010 में असम के उग्रवादी संगठन डीएचडीजेड के सदस्य निरंजन होजाई को गिरफ्तार किया गया. निरंजन होजाई नेपाल की नागरिकता प्राप्त कर लिया था. उसने नेपाल में अकूत संपत्ति अजिर्त की थी. पिछले एक माह पहले यूपी के पाकुड़ निवासी भूरा को डीआरआइ टीम ने रक्सौल से गिरफ्तार किया.
वाराणसी धमाकों का भी है वांछित
लखनऊ:नेपाल सीमा से पकड़ा गया कुख्यात आतंकवादी तथा इंडियन मुजाहिदीन का सह सस्थापक यासीन भटकल वाराणसी के शीतलाघाट पर वर्ष 2010 में हुए सीरियल ब्लास्ट का भी आरोपी है. राज्य की एटीएस (आतंकवादी निरोधी दस्ता) ब्लास्ट की इस घटना को लेकर उसकी खोज में लगी थी. अब यूपी एटीएस की एक टीम भटकल से पूछताछ के लिए दिल्ली जा रही है और उसे रिमांड पर लेकर लखनऊ लाया जायेगा. भटकल के साथ पकड़े गये आजमगढ़ के असदुल्लाह अख्ता उर्फ हड्डी से भी एटीएस के अधिकारी पूछताछ करेंगे. हालांकि, असदुल्लाह के खिलाफ यूपी में कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है.
समस्तीपुर पहुंची थी एनआइए की टीम
समस्तीपुर:मुंबई ब्लास्ट के बाद 28 दिसंबर, 2012 को पहली बार एनआइए की टीम मोनू व भटकल की तलाश में समस्तीपुर पहुंची. दिल्ली से पकड़े गये एक आतंकी के साथ एनआइए की टीम धर्मपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में पहुंच कर जायजा लिया. कई लोगों से पूछताछ भी की थी.