बिहार: मुंगेर में गंगा में डूबकर 4 बच्चों की मौत, स्कूल से लौटते ही नहाने निकल गए थे चारो दोस्त, शव बरामद..
बिहार के मुंगेर में गंगा में नहाने के दौरान चार बच्चे गहरे पानी में चले गए और चारो की मौत हो गयी. पुल निर्माण के लिए वर्षों पहले बनाए गए गड्ढे से उनके शव को निकाला गया. पहले तीन शवों की बरामदगी हुई. बाद में चौथा शव भी निकाला जा सका.
Bihar News: मुंगेर में गंगा स्नान करने गये चार बच्चों की मौत डूब जाने से हो गयी. यह घटना शुक्रवार की शाम को लाल दरवाजा गंगा घाट पर घटी है. स्थानीय लोगों के अथक प्रयास से तीन बच्चों के शव को निकाला गया, लेकिन एक बच्चे का शव काफी मशक्कत के बाद देर शाम को बरामद किया जा सका.सभी बच्चे स्कूल से आने के बाद गंगा में नहाने के लिए घर से निकले थे. घटना के बाद परिजनों में कोहराम मच गया. बताया जाता है कि लाल दरवाजा निवासी नीरज यादव का पुत्र आकाश कुमार (10 वर्ष), अरुण यादव का पुत्र शिवम कुमार (11 वर्ष), अरमजीत मंडल का पुत्र अर्णव कुमार (10 वर्ष) एवं अजीत कुमार का पुत्र दिलखुश कुमार (10 वर्ष) स्कूल से आने के बाद शुक्रवार की शाम लगभग पांच बजे लाल दरवाजा रिंग बांध घाट के समीप गंगा में स्नान करने के लिए गया. इसी दौरान चारों गहरे पानी में चले गए और गंगा में डूब गए. वहां मौजूद लोगों ने जब हल्ला किया तो मुहल्ले से लोगों का हुजूम पहुंच और कुछ तैराक युवक गंगा में बच्चों को ढूंढने के लिए कूद पड़े.
अथक प्रयास के बाद तैराकों ने पहले आकश कुमार, शिवम कुमार एवं अर्णव कुमार को बाहर निकाला और वहां उपस्थित लोग तीनों को लेकर सदर अस्पताल इमरजेंसी वार्ड पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया. सदर अस्पताल का इमरजेंसी वार्ड और परिसर परिजनों की चित्कार से गमगीन हो गया.बाद में दिलखुश का भी शव बरामद किया गया. उसकी खोज में प्रशासनिक स्तर पर गोताखोरों की टीम को लगाया गया था. रात हो जाने के कारण गोताखोरों की टीम को ढूंढने में परेशानी हो रही थी.
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लाल दरवाजा गंगा घाट पर हुई घटना
शहर के लाल दरवाजा गंगा घाट पर शुक्रवार की शाम हुई इस घटना से सबको झकझोर कर रख दिया. इसमें एक-दो नहीं बल्कि चार-चार घरों के चिराग को गंगा ने छीन लिया. काफी मशक्कत के बाद चारो बालकों का शव गंगा से बाहर निकाला गया. घटना की सूचना मिलते कई थानों की पुलिस जहां लाल दरवाजा रिंग बांध गंगा घाट के पहुंची. वहीं कोतवाली थाना पुलिस सदर अस्पताल पहुंची जहां चारो ओर रोने-बिलखने और चीख-पुकार मची हुई थी. पूरा अस्पताल परिसर परिजनों के विलाप से गम में घिरा रहा.
कैसे हुआ हादसा..
बताया जाता है कि लाल दरवाजा यादव सेवा सदन रोड निवासी नीरज यादव का पुत्र आकाश कुमार (10 वर्ष ), अरूण यादव का पुत्र शिवम कुमार (11वर्ष), अमरजीत मंडल का पुत्र अर्णव कुमार (10 वर्ष) एवं अजीत कुमार के पुत्र दिलखुश कुमार (10 वर्ष) को शुक्रवार की शाम लोगों ने लाल दरवाजा रिंग बांध की ओर से जाते देखा था. स्कूल से आने के बाद सभी गंगा स्नान करने गए थे. शाम लगभग 4:30 बजे लोगों ने देखा कि चारो बच्चों का कपड़ा घाट पर रखा हुआ है और बच्चों का कहीं कोई अता-पता नहीं था. सूचना पर मुहल्ला के लोग वहां घाट पर पहुंच गये. रिंग बांध के समीप कई लोग गंगा में उतर गये. गंगा में ही पुल निर्माण के दौरान पीलर की खुदाई के लिए वर्षों पूर्व किये गये बड़े गड्ढे से आकाश, शिवम और अर्णव को बाहर निकाला गया और सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां चारो बच्चों को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. इसके साथ ही चार-चार घरों का एक साथ चिराग बुझ गया.
परिजनाें के बीच मचा कोहराम..
अचानक एक साथ लोगों की भीड़ तीन-तीन बच्चों को उठा कर सदर अस्पताल पहुंचे. इसे देख कर अस्पताल में खलबली मच गयी. कुछ ही देर बाद चौथे बच्चे की भी बॉडी अस्पताल लायी गयी. चिकित्सक व नर्स स्टॉफ सभी बच्चों के जांच-पड़ताल में जुट गये, लेकिन काफी देर तक पानी में रहने के कारण चारों की मौत हो चुकी थी. मौत घोषित होने के बाद बच्चों के परिजन दहाड़ मारकर रोने लगे. इमरजेंसी वार्ड के अंदर से लेकर बाहर तक चारों और परिजनों के रोने-चीखने की आवाज गूंजने लगी. कहीं मां रो रही थी, तो कहीं पिता दहाड़ मार कर रोये जा रहे थे. इस हृदय विदारक घटना के बाद परिजनों की बिखलने की आवाज सुन कर अस्पताल में मौजूद हर लोगों की आंखें नम हो गयी.
पढ़ा-लिखा कर बड़ा आदमी बनाने का सपना टूटा
बताया जाता है कि नीरज यादव अस्पताल के सामने ही सत्तू की दुकान चलाता है. आकाश उसका एकलौता बेटा था, जो सरस्वती शिशु मंदिर लाल दरवाजा का छात्र था. जबकि अरूण यादव कष्टहरणी घाट के समीप चाय की दुकान चलाता है. उसका बेटा शिवम कुमार राजकीय मध्य विद्यालय लाल दरवाजा के कक्षा चतुर्थ का छात्र था. जबकि अमरजीत मंडल का बेटा अर्णव लाल दरवाजा ननिहाल में रह कर सरस्वती शिशु मंदिर लाल दरवाजा में पढ़ाई करता था. साथ ही अमरजीत कुमार का पुत्र दिलखुश भी लाल दरवाजा के स्कूल में पढ़ाई करता था. कोई मजदूरी कर तो कोई चाय व सत्तू की दुकान चला कर बेटे को पढ़ा-लिखा कर बड़ा आदमी बनाने का सपना देख रहा था, लेकिन एक साथ तीनों के परिजनों का सपना टूट गया.
कहते हैं एसडीओ
एसडीओ सदर संजय कुमार ने बताया कि सूचना मिलते ही बीडीओ, सीओ एवं थाना पुलिस को भेजा गया. चारो बच्चे के बॉडी को बाहर निकाल लिया गया है. नियमानुसार चारों बच्चों के परिवार को सरकारी स्तर पर मिलने वाली मदद प्रशासनिक स्तर पर उपलब्ध कराया जायेगा.