बिहार में 4 लाख से अधिक टैक्स डिफॉल्टर वाहन, 900 करोड़ वसूली के लिए परिवहन विभाग चलायेगा ये अभियान
बिहार में कुल लगभग 4 लाख से अधिक निजी एवं व्यावसायिक वाहन के मालिक टैक्स डिफॉल्टर है. टैक्स जमा नहीं करने वाले निजी एवं व्यवसायिक वाहनों पर कार्रवाई की जायेगी. जिन वाहन मालिकों ने वाहन का टैक्स जमा नहीं किया है वैसे वाहनों को परिवहन विभाग ने टैक्स डिफॉल्टर घोषित किया है.
पटना. बिहार में कुल लगभग 4 लाख से अधिक निजी एवं व्यावसायिक वाहन के मालिक टैक्स डिफॉल्टर है. टैक्स जमा नहीं करने वाले निजी एवं व्यवसायिक वाहनों पर कार्रवाई की जायेगी. जिन वाहन मालिकों ने वाहन का टैक्स जमा नहीं किया है वैसे वाहनों को परिवहन विभाग ने टैक्स डिफॉल्टर घोषित किया है. सबसे अधिक टैक्स डिफॉल्टर पटना में हैं. पटना में 1 लाख से अधिक ऐसे लोग हैं जिन्होंने वाहन के टैक्स नहीं चुकाये हैं. अकेले पटना में टैक्स डिफॉल्टर पर 116 करोड़ रुपये टैक्स एवं अर्थदंड बकाया है.
900 करोड़ रुपये टैक्स एवं अर्थदंड का बकाया
भारतीय कानून के तहत मोटर वाहनों का ससमय कर जमा करना अनिवार्य है. वाहनों के कर बकाया होने की स्थिति में कर के अतिरिक्त 200 प्रतिशत तक अर्थदंड अधिरोपित किये जाने का प्रावधान है. जिलावार टैक्स डिफॉल्टर वाहनों की सूची में दूसरे स्थान पर मुजफ्फरपुर है. यहां 65 हजार 452 टैक्स डिफॉल्टर हैं जबकि तीसरे स्थान पर पूर्णिया है, जहां टैक्स डिफॉल्टरों की संख्या 26512 है. इसके बाद भागलपुर, बेगूसराय, गया, जहानाबाद, छपरा, नालंदा, रोहतास आदि जिले आते हैं. पूरे राज्य में लगभग 900 करोड़ रुपये टैक्स एवं अर्थदंड का बकाया है.
वसूली के लिए कार्रवाई करेगा परिवहन विभाग
डिफॉल्टर वाहनों का कर एवं अर्थदंड नहीं जमा करने पर जिला परिवहन पदाधिकारी द्वारा कार्रवाई की जायेगी. राज्य परिवहन विभाग के आयुक्त ने बताया कि टैक्स डिफॉल्टर वाहनों से कर एवं अर्थदंड की वसूली के लिए सभी जिलों में जिला परिवहन पदाधिकारी, एमवीआई और ईएसआई द्वारा विशेष अभियान चलाया जायेगा. टैक्स जमा नहीं करने पर डिफॉल्टर वाहन मालिक के विरुद्ध निलाम पत्रवाद दायर कर वसूली की कार्रवाई की जाएगी एवं आवश्यक हुई तो वाहन को ब्लैक लिस्ट भी किया जाएगा.