पटना. राज्य में महिलाओं के साथ होने वाली हिंसा चिंताजनक है. खासकर उन मामलों में जहां वह पति द्वारा ही शारीरिक, मानसिक, यौन या अन्य किसी तरह से हिंसा की शिकार होती हैं.
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की ताजा रिपोर्ट में राज्य में 2019-20 में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार के आंकड़ा जारी किये गये हैं. इसके अनुसार राज्य में 18 से 49 वर्ष की महिलाओं में 40% पति द्वारा होने वाली हिंसा की शिकार होती हैं.
यह शारीरिक, मानसिक या अन्य किसी प्रकार की हो सकती है. इन आंकड़ों को और बारीकी से देखते हैं, तो ग्रामीण क्षेत्रों में शहरी क्षेत्र के मुकाबले यह मामला कम है. हालांकि, यह अंतर एक फीसदी से भी कम का है.
दूसरा आंकड़ा 18 से लेकर 49 के उम्र की महिलाओं के साथ होने वाली यौन हिंसा को लेकर है. एनएफएचएस की रिपोर्ट बताती है कि शहरों के मुकाबले ग्रामीण महिलाओं के साथ यौन हिंसा के मामले अधिक होते हैं.
आंकड़ों के अनुसार इस उम्र में 8.5 फीसदी ग्रामीण महिलाओं के साथ यौन हिंसा के मामले आते हैं, जबकि शहरी क्षेत्र में लगभग एक फीसदी कम 7.1 फीसदी महिलाओं के साथ यौन हिंसा के मामले हुए हैं. राज्य में यह औसत 8.3 फीसदी का है.
वहीं, गर्भावस्था के दौरान राज्य में 2.8 फीसदी महिलाओं के साथ शारीरिक हिंसा होती है. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के साथ शहर के मुकाबले एक फीसदी अधिक मामला है.
बिहार में पश्चिमी बंगाल के मुकाबले लगभग 13 फीसदी अधिक महिलाओं के साथ पति द्वारा अत्याचार के मामले आते हैं. पश्चिम बंगाल में 27 फीसदी महिलाओं के साथ पति द्वारा अत्याचार के केस हैं, जबकि बिहार में यह आंकड़ा 40 फीसदी है.
वहीं, 18 से 49 उम्र की महिलाओं के साथ होने वाली यौन हिंसा का आंकड़ों की तुलना करते हैं, तो पश्चिम बंगाल में बिहार के मुकाबले एक फीसदी अधिक मामले हैं. पश्चिम बंगाल में 9.7 फीसदी यौन हिंसा है, जबकि बिहार में यह आंकड़ा 8.3 फीसदी का है.
Posted by Ashish Jha