सुपौल: पंचायती राज दिवस पर शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज प्रतिनिधियों से मन की बात की, लेकिन बेमन से की गयी व्यवस्था के कारण ानप्रतिनिधियों की मन की बात मन में ही रह गयी और यह कार्यक्रम महज औपचारिक बन कर रह गया. तकनीकी कारण एक बहाना रहा, वहीं सच यही था कि अधिकांश जनप्रतिनिधि इस कार्यक्रम से वाकिफ ही नहीं थे. कुछ जनप्रतिनिधियों ने टीवी व रेडियो के माध्यम से मन की बात सुनी लेकिन अधिकांश वंचित रह गये.
इस दौरान कभी लोग पंचायत भवन का दौड़ लगा रहे थे, तो कभी प्रखंड मुख्यालय का. सभी जनप्रतिनिधि को पता भी नहीं था कि कहां और कैसे करेंगे मन की बात. ब्रॉड बैंड फेल होने के कारण कई जगहों पर यह कार्यक्रम हो भी नहीं पाया. कुछ जगहों पर जनप्रतिनिधियों द्वारा खुद की व्यवस्था कर कार्यक्रम को देखा और सुना जा सका. कोई रेडियो लेकर दौड़ रहा था, तो कोई किसी और तरीके की खोज में लगा रहा.
प्रखंड मुख्यालय में होनी थी व्यवस्था
सरकारी स्तर पर सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को यह जिम्मेवारी सौंपी गयी थी कि पंचायत जनप्रतिनिधियों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री की मन की बात बतायी जाये. वहीं सीधे तौर पर मुखातिब होने की भी संभावना भी थी.लेकिन प्रखंडों में मुकम्मल व्यवस्था नहीं की जा सकी.अंतिम समय में ब्रॉड बैंड फेल होने की बात जनप्रतिनिधियों को बतायी गयी.जिससे निराश उन्हें वापस लौटना पड़ा.कुछ जनप्रतिनिधियों ने टीवी व रेडियो के माध्यम से पीएम की मन की बात सुनी.
कार्यक्रम से अनभिज्ञ थे जनप्रतिनिधि
सदर प्रखंड के अधिकांश जनप्रतिनिधि कार्यक्रम से अनभिज्ञ थे.रामदत्तपट्टी पंचायत की मुखिया पूनम कुमारी व गोपालपुर सिरे की मुखिया भूमिना देवी ने बताया कि उन्हें कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी.वहीं बीडीओ आर्य गौतम ने कहा कि ब्रॉड बैंड फेल रहने की वजह से कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो सका.त्रिवेणीगंज के बभनगामा पंचायत के मुखिया मो एम सिद्दकी एवं परसागढ़ी दक्षिण पंचायत के मुखिया मुकेश कुमार ने कहा कि उन्हें इस कार्यक्रम की कोई जानकारी नहीं थी.
जनप्रतिनिधि वापस लौटे निराश
जिन जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम की जानकारी थी, उन्हें प्रखंड मुख्यालय से निराश लौटना पड़ा.छातापुर प्रखंड मुख्यालय से निराश लौट रहे लगभग एक दर्जन मुखिया ने जुगाड़ तकनीक का सहारा लिया.आनन-फानन में मुखिया संघ के अध्यक्ष किशोर कुमार मुन्ना के आवास पर टीवी की व्यवस्था की गयी और कार्यक्रम से रूबरू हुए.सदर प्रखंड में ऐसी कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो पायी और ऐसे जनप्रतिनिधियों को निराशा ही हाथ लगी.
अधूरी रह गयी मन की ख्वाहिश
अधिकांश जनप्रतिनिधि इस बात से रोमांचित थे कि अगर उनकी सीधी बातचीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से होगी तो वे भी अपनी मन की बात कह सकेंगे.सदर प्रखंड मुख्यालय से निराश वापस लौट रहे बलवा के मुखिया जागेश्वर यादव ने कहा कि ह्यअगर पीएम से बात होती तो जनप्रतिनिधियों की समस्याओं से अवगत कराताह्ण.वहीं मल्हनी के मुखिया गणेश प्रसाद सिंह ने कहा कि मौका मिलता तो जनप्रतिनिधियों की दुर्दशा के बारे में जरूर बताता.
दिल को छू गयी मन की बात
जदिया पंचायत की मुखिया सबरी देवी रेडियो के माध्यम से पीएम की मन की बात सुनी.सबरी नरेंद्र मोदी की बातों से काफी प्रभावित नजर आयी.उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी ने अधिकार के साथ-साथ कर्तव्य की भी बात बतायीह्ण.वहीं लक्ष्मीपुर खुंटी के मुखिया किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने पंचायती राज सशक्तीकरण की बातें की है जो काफी अच्छी थी.वहीं घीवहा के मुखिया अरविंद यादव ने कहा कि पीएम की बातें सचमुच अमल में आये तो राम राज की कल्पना साकार हो सकती है.