जलस्तर घटा, राहत नहीं
भागलपुर: बौराई गंगा का जलस्तर गुरुवार से घटना शुरू होने के बाद भी छह लाख से अधिक की आबादी को अभी राहत नसीब नहीं हो रहा है. गुरुवार को भागलपुर की गंगा का जलस्तर छह सेंटीमीटर घटा, बावजूद इसके यह खतरे के निशान से 77 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इससे पहले बुधवार को जलस्तर […]
भागलपुर: बौराई गंगा का जलस्तर गुरुवार से घटना शुरू होने के बाद भी छह लाख से अधिक की आबादी को अभी राहत नसीब नहीं हो रहा है. गुरुवार को भागलपुर की गंगा का जलस्तर छह सेंटीमीटर घटा, बावजूद इसके यह खतरे के निशान से 77 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. इससे पहले बुधवार को जलस्तर 34.51 मीटर, जबकि गुरुवार शाम को 34.45 मीटर रिकॉर्ड किया गया. जल संसाधन विभाग के मुताबिक फिलहाल गंगा का जल स्तर बढ़ने की संभावना नहीं है. ऊपरी इलाकों में बारिश होने या घाघरा व गंडक नदी से पानी छोड़े जाने पर ही जलस्तर में वृद्धि संभव है.
पेयजल जलसंकट होगी दूर
गंगा का जलस्तर घटने से बरारी वाटर वर्क्स का दूसरा इंटेक वेल चालू हो गया है. इससे शहर की आधी से अधिक आबादी को फिर स्वच्छ पेय जल मिलने लगेगा. बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में बाढ़ का पानी धुस गया है. इससे अनुसंधान कार्य प्रभावित हो रहा है. तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में 14 सितंबर तक होने वाली सभी परीक्षाएं अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी गयी है. बाढ़ के पानी के फैले होने के कारण गुरुवार को कई स्कूलों में शिक्षक दिवस समारोह का आयोजन नहीं हो पाया. जिले में बाढ़ पीडि़त मरीजों की संख्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है. राहत शिविरों में बदबू का साम्राज्य फैल गया है. राहत वितरण केंद्रों पर धांधली के कारण सरकारी मॉनिटरिंग सिस्टम पर भी सवाल उठने लगे हैं. सबौर कैंप में बाढ़ पीडि़तों के इलाज के लिए अभी तक चिकित्सक नहीं पहुंचे हैं. शहर में जगह-जगह दवा के लिए मारामारी हो रही है. गंगा किनारे बसे जर्जर घरों व अपार्टमेंट को खाली करने के लिए गुरुवार को दूसरे दिन भी माइकिंग की गयी.
दूसरी ओर, कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से नवगछिया इलाके में बाढ़ की आशंका बनी हुई है. राहत की मांग को लेकर बाढ़ पीडि़तों ने एनएच जाम किया. कहलगांव-भागलपुर का सड़क संपर्क अब भी भंग है. रेल ट्रैक पर भी पानी का दबाव बना हुआ है. नवगछिया के बुद्धुचक गांव स्थित 40 घर गंगा में विलीन हो गया है. गोपालपुर का जमीनदारी बांध भी ध्वस्त होने के कगार पर पहुंच गया है. एलएन बांध की भी स्थिति नाजुक है. अकबरनगर व शाहकुंड में भी बाढ़ पीडि़तों ने राहत के लिए सड़क जाम किया. विभिन्न स्थानों पर गंगा में डूबने से पांच लोगों की मौत हो गयी. सन्हौला में दर्जनों गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है.
सुपौल में 400 घर कोसी में विलीन
त्रकोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि होने से नवगछिया के विभिन्न इलाकों में बाढ़ की आशंका
त्रराहत की मांग को लेकर एनएच-31 किया जाम
त्रप्रभारी मंत्री शनिवार को करेंगे राहत कार्यों की समीक्षा
त्र कहलगांव-भागलपुर सड़क संपर्क अब भी भंग
त्ररेल ट्रैक पर पानी का दबाव बरकरार
त्रनवगछिया के बुद्धुचक गांव में 40 घर गंगा में समाये
त्रगोपालपुर में जमीनदारी बांध ध्वस्त होने के कगार पर
त्रएलएन बांध की स्थिति नाजुक, सहमे हुए हैं ग्रामीण
त्रअकबरनगर व शाहकुंड में राहत सामग्री के लिए बाढ़ पीडि़तों ने किया सड़क जाम, हंगामा
त्रविभिन्न जगहों पर डूबने से पांच लोगों की मौत
त्रसन्हौला में दर्जनों गांवों में घुसा बाढ़ का पानी