कंचनबाला ने एसपी से कहा था,न्याय नहीं मिला तो जान दे दूंगी
सीतामढ़ी/मुजफ्फरपुर:होनहार छात्रा कंचनबाला ने आत्महत्या करने से पहले 40 दिनों तक पुलिस अधिकारियों के चक्कर काटे थे. इस दौरान उसके भाई व मां भी साथ रहती थीं. पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर आरोपित वीरेंद्र को पकड़ा तो लेकिन थाने से ही जमानत दे दी. जबकि उस पर छेड़खानी, ब्लैक मेकिंग, अपहरण और रंगदारी मांगने […]
सीतामढ़ी/मुजफ्फरपुर:होनहार छात्रा कंचनबाला ने आत्महत्या करने से पहले 40 दिनों तक पुलिस अधिकारियों के चक्कर काटे थे. इस दौरान उसके भाई व मां भी साथ रहती थीं. पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर आरोपित वीरेंद्र को पकड़ा तो लेकिन थाने से ही जमानत दे दी. जबकि उस पर छेड़खानी, ब्लैक मेकिंग, अपहरण और रंगदारी मांगने जैसे संगीन आरोप थे. इसको लेकर जांच अधिकारी आइजी शोभा अहोतकर ने अपनी रिपोर्ट में कड़ी टिप्पणी की. आइजी ने लिखा है कि पुलिस पर से कंचनबाला का विश्वास उठ गया था. इसकी वजह से उसने हताश होकर आत्महत्या की.
उठाये गंभीर सवाल
वापस कर दिये सबूत
कंचनबाला ने एसपी एसपी पर किया विश्वास
घटनास्थल का दौरा करने के बाद किसी तरह की लिखित कार्रवाई नहीं करने का भी आरोप है. एसपी पर यह भी आरोप है कि वह पीड़ित परिवार को लगातार आश्वासन देते रहे, लेकिन जो कार्रवाई इस तरह के गंभीर मामले में होने चाहिये थे, वह नहीं किये. उन्होंने कंचनबाला व उसके परिजनों से कहा था कि ‘आप थाने मत जाइए, डीजीपी से बात मत कीजिए, मेरे संपर्क में रहिए. किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.’ एसपी की बातों पर कंचनबाला व उसके परिजनों को भरोसा हो गया था, इसी वजह से वे मामले को लेकर वरिष्ठ अधिकारियों से नहीं मिले.
थाने से दी जमानत
कंचनबाला के भाई विकास ने अपने बयान में कहा है कि 14 जुलाई को वीरेंद्र साह ने उसे लापता कर देने की धमकी दी थी. वीरेंद्र ने कहा था कि तुम्हारे भाई को अगवा करके हमने छोड़ दिया था, लेकिन तुमको नहीं छोड़ेगे. इसके बाद विकास ने एसपी से बात की थी तो उन्होंने कहा था कि तुम्हारी पार्ट टू की परीक्षा चल रही है. तुम परीक्षा दो, कुछ नहीं होगा. ऐसे ही धमकी देता है. विकास ने इसके बाद 28 जुलाई को एसपी से मुलाकात की थी. कहा था ‘हम परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली जा रहे हैं, सर इस मामले में कोई कार्रवाई कीजिए.’ इस पर एसपी ने कहा था ‘ कंचनबाला मेरी बहन के समान है, तुम जाओ, परीक्षा की तैयारी करो, यहां हम हैं, कुछ नहीं होगा.’
इसके बाद 15 अगस्त को वीरेंद्र ने कंचनबाला के भाई मनीष को केस उठाने की धमकी दी थी. कहा था कि आठ दिन में केस वापस नहीं लिया तो नौंवे दिन जान से मार देंगे. इसके बाद 16 अगस्त को वीरेंद्र ने उस समय कंचनबाला व उसकी मां को धमकाया था, जब वह फोटो लेने के लिए शंकर चौक पर गयी थी. इस दौरान वीरेंद्र के चार और साथी थे. उसने कहा था तुम्हारा पैरवी डीजीपी तक है तो हमारा पैरवी बहुत ऊपर तक. इसके बाद 17,18 व 19 अगस्त को कंचनबाला के परिजन एसपी से बात करते रहे. 19 अगस्त को एसपी कंचनबाला, उसके भाई मनीष व उसके मां से मिले थे.
इसी दौरान कंचनबाला ने एसपी से कहा था कि अगर आप कार्रवाई नहीं करेंगे तो हम जान दे देंगे. इस पर एसपी ने कहा था कि कंचनबाला तुमको आगे आने की जरूरत नहीं है. 20 अगस्त को ईद है, 21 अगस्त को तुम्हारे परिजनों से मिलेंगे. लेकिन 21 अगस्त को एसपी का फोन नहीं आया. इसके बाद 22 अगस्त को कंचनबाला व उसके भाई व मां ने एसपी से मुलाकात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि दो साल में वीरेंद्र छूट जायेगा, समझौता कर लीजिए. हम उससे लिखवा कर ले लेंगे. इसी के अगले दिन 23 अगस्त को कंचनबाला ने आत्महत्या कर ली.
कोट:आइजी शोभा अहोतकर की जांच रिपोर्ट में खुलासा
22 अगस्त को मुख्यमंत्री के कांफ्रेंस के बाद मैं कंचनबाला, उसके भाई मनीष व उसकी मां से मिला था. इस दौरान मनीष ने कहा, उसका सारा लेटर व फोटो वीरेंद्र के पास है. वह ब्लैक मेल कर रहा है. इस पर मैंने कहा कि केस करवा देते हैं तो मनीष ने बताया कि वह बरबाद करने की धमकी दे रहा है. इस पर मैंने कहा कि आप जैसा चाहेंगे, वैसा कर देंगे. मनीष ने कहा कि पापा डय़ूटी में हैं. कल आपसे मिलेंगे. इसी बीच 23 अगस्त को घटना घट गयी.
यह था मामला
-23 अगस्त 2012 को कंचनबाला ने आत्महत्या की
-अधिकारी बननाचाहती थी कंचनबाला
-2011 से परेशान कर रहा था वीरेंद्र
-मामले में छह लोगों को हुई जेल
-अभी तक तीन को मिल चुकी है जमानत
-न्यायालय में चल रहा है मामला
-मुआवजे के लिए कंचनबाला के परिजनों ने मानवाधिकार आयोग में लगा रखी है गुहार