पटवन की सही रिपोर्ट लें

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी नलकूपों से होनेवाले पटवन के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने पर नाराजगी जतायी है और लघु जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पटवन की सही तरीके से रिपोर्ट ली जाये. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को बाढ़ व सुखाड़ की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने बैठक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 13, 2013 8:12 AM

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी नलकूपों से होनेवाले पटवन के आंकड़ों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश करने पर नाराजगी जतायी है और लघु जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पटवन की सही तरीके से रिपोर्ट ली जाये. मुख्यमंत्री ने गुरुवार को बाढ़ व सुखाड़ की स्थिति की समीक्षा की. उन्होंने बैठक में कहा कि अधिक-से-अधिक सरकारी नलकूपों को चालू रखा जाये.

प्रभात खबर ने नौ सितंबर को ‘सात दिनों में दोगुनी सिंचाई’ शीर्षक से खबर छापी थी, जिसमें इस बात का जिक्र किया गया था कि एक सप्ताह पहले 18 हजार हेक्टेयर खेतों में पटवन का दावा करनेवाले लघु जल संसाधन विभाग ने दूसरे सप्ताह में 37 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में पटवन कर दिया,जबकि इस दौरान चालू सरकारी नलकूपों की संख्या में सिर्फ 46 की वृद्धि हुई. सूत्रों के अनुसार, समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने इस खबर को संज्ञान में लिया और एक अधिकारी से कहा कि आपका विभाग तो मिल्खा सिंह से भी तेज दौड़ रहा है. उन्होंने फील्ड में जाकर पटवन की वास्तविक रिपोर्ट लेने को कहा.

बैठक में मुख्यमंत्री ने बाढ़ व सुखाड़ दोनों ही क्षेत्रों में राहत कार्य तेज करने का निर्देश दिया. कहा, अधिकतर स्थानों पर नदियों का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया है. लोग अब घर लौटने लगे हैं, इसलिए उन गांवों में खाद्यान्न का वितरण व नकद राशि दिया जाये, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो.

सुखाड़ की स्थिति पर कृषि विभाग ने सीएम को बताया कि राज्य में 667.6 एमएम बारिश हुई है जो सामान्य से 24 फीसदी कम है. धान की रोपनी 88 फीसदी ही हो सकी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कम बारिशवाले जिलों में डीजल अनुदान वितरण में तेजी लायी जाये. किसानों को चार पटवन का डीजल अनुदान दिया जाना है. समीक्षा के क्रम में उभर कर आया कि अब तक डीजल अनुदान में लगभग 20 करोड़ का ही वितरण हो सका है. सिंचाई की सुविधा के लिए गांवों में हर हाल में आठ घंटे बिजली आपूर्ति करने का निर्देश ऊर्जा विभाग को दिया गया. जल संसाधन विभाग को नहरों के अंतिम छोर तक पानी उपलब्ध कराने को कहा गया.

बैठक में मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा, विकास आयुक्त आलोक कुमार सिन्हा, सीएम के प्रधान सचिव अंजनी कुमार सिंह, कृषि उत्पादन आयुक्त अशोक कुमार चौहान, आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव व्यास जी,सीएम के ओएसडी सह स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार, ऊर्जा सचिव संदीप पौंड्रिक, पीएचइडी की सचिव अंशुली आर्या, नगर विकास सचिव डा एस सिद्धार्थ सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे.

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