पटना: अगले लोकसभा चुनाव में जदयू का सफाया तय है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी ही चाल में फंस गये हैं. नरेंद्र मोदी का विरोध कर-कर उन्हें लीडर बना दिया. उन्हें लगता था कि उनके विरोध के बाद भाजपा मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार नहीं बनायेगी. इस तरह उनका व भाजपा का साथ बना रहेगा. लेकिन, आरएसएस के निर्णय को भाजपा को मानना पड़ा.
इसका नतीजा यह हुआ कि जदयू कमजोर पड़ गया व अगले चुनाव में वह तीसरे स्थान पर आयेगा. श्री पासवान ने कहा कि राजद-लोजपा गंठबंधन को लोकसभा चुनाव में राज्य की 25 सीटों पर जीत मिलेगी.
अगर कांग्रेस भी साथ आयी, तो हम 32-33 सीटें जीतेंगे. दूसरे नंबर पर भाजपा रहेगी. मोदी को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाने से भाजपा को कोई फायदा होगा. मोदी पूरी तरह विफल होंगे. विद्युतकर्मियों पर लाठीचार्ज की निंदा करते हुए उन्होंने कहा कि यह सरकार लाठी-गोली की सरकार बन गयी है. निजीकरण का विरोध करनेवालों को बेरहमी से पीटा गया.