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जीतन राम मांझी ने किया एलान, बिहार में BJP के साथ मिलकर लड़ेंगे चुनाव

नयी दिल्‍ली/पटना : जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर हम पार्टी बनाने के बाद जीतन राम मांझी बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ लड़ना चाहते हैं. आज दिल्‍ली में भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह के साथ मुलाकात कर मांझी ने अपनी इच्‍छा व्‍यक्‍त कर दी. हालांकि भाजपा की ओर से अभीतक […]

नयी दिल्‍ली/पटना : जनता दल यूनाइटेड से अलग होकर हम पार्टी बनाने के बाद जीतन राम मांझी बिहार में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ लड़ना चाहते हैं. आज दिल्‍ली में भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह के साथ मुलाकात कर मांझी ने अपनी इच्‍छा व्‍यक्‍त कर दी. हालांकि भाजपा की ओर से अभीतक यह स्‍पष्‍ट नहीं किया गया है वह मांझी की पार्टी के साथ गंठबंधन करेगी या नहीं.

बिहार विधानसभा चुनाव से कुछ पहले भाजपा को आज बडी कामयाबी मिली जब राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और महादलित नेता जीतन राम मांझी ने घोषणा की कि नीतीश-लालू के ‘अपवित्र गठबंधन’ को शिकस्त देने के लिए वह भाजपा से मिल कर चुनाव लडेंगे. भाजपा नेता अमित शाह से मिलने के बाद मांझी ने कहा, ‘बिहार में नीतीश कुमार और लालू प्रसाद के बीच अपवित्र गठबंधन बना है. मैंने इस बारे में अमित शाह से बात की. हमें लालू और नीतीश को सत्ता में आने से रोकने के लिए साथ काम करना होगा.’

शाह से 30 मिनट की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘साथ मिलकर लडेंगे. अभी सीट के बारे में कुछ डिसाइड नहीं हुआ है.’ राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी मांझी को अपने गठबंधन का हिस्सा बनाने की पैरवी कर रहे थे लेकिन उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि वह ऐसे किसी गठबंधन का हिस्सा नहीं बनेंगे जिसमें उन्हें मुख्यमंत्री पद से हटाने वाले नीतीश कुमार शामिल हों. मांझी ने कहा कि वह राज्य भर में घूमे हैं और वहां की जनता की आम राय है कि वे लालू-नीतीश गठबंधन से निजात पाना चाहते हैं.

आज ही अमित शाह से मुलाकात करने राष्‍ट्रीय लोकसमता पार्टी के उपेंद्र कुशवाहा भी उनेक आवास गये थे. कुशवाहा ने शाह से मुलाकात कर बिहार चुनाव के मद्देनजर अहम बातों और रणनीतियों पर चर्चा की. हालांकि बाहर आकर उन्‍होंने किसी अहम रणनीति के बारे में नहीं बताया. परंतु उन्‍होंने कहा कि भाजपा और उनके सहयोगियों को जदयू और राजद के एक साथ आ जाने से ज्‍यादा मेहनत करना पड़ेगा.

इधर मांझी की राजनीतिक महत्‍वकांक्षा ने उन्‍हें नीतीश से दूर होकर हम पार्टी बनाने को विवश किया. ऐसे में भाजपा के साथ उनका गंठबंधन किन शर्तों पर होगा यह कहना मुश्किल है. उधर बिहार में भाजपा की एक और सहयोगी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के प्रमुख रामविलास पासवान ने आज ही कहा है कि भाजपा जिसे चाहे मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार घोषित कर सकती है, उनकी पार्टी को वह मान्‍य होगा.

हालांकि कुशवाहा ने भी अपना नाम भाजपा की ओर से मुख्‍यमंत्री पद की होड़ में शामिल करने से इंकार किया है, लेकिन खबरे आ रही थीं कि उनके एक सहयोगी ने शाह से कुशवाहा को बिहार के मुख्‍यमंत्री के रूप में गंठबंधन की ओर से पेश करने की मांग की गई है. ऐसे में मांझी के गंठबंधन में शामिल हो जाने के बाद राजग के पास मुख्‍यमंत्री की उम्‍मीदवारी की एक लंबी लिस्‍ट होगी, जिसमे से एक नाम चुनकर बाहर निकालना मुश्किल होगा.

गौरतलब है इसी साल दिल्‍ली चुनाव में मुख्‍यमंत्री के रूप में किरण बेदी को सामने लाने के बाद भाजपा की हालत काफी खराब हुई है. ऐसे में पार्टी बिहार में काफी सावधानी बरतेगी.

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