बिहार में संरक्षित होगा 475 साल पुराना शेरशाह सूरी पुल, 16वीं सदी में लाल पत्थर से बना था 616 फुट लंबा सेतु
16वीं सदी के मध्य में करीब 1540 ई. में सम्राट शेरशाह सूरी का साम्राज्य पश्चिम में खैबर पख्तूनख्वा से पूरब बंगाल तक था.
डेहरी नगर (रोहतास). 16वीं सदी के मध्य में करीब 1540 ई. में सम्राट शेरशाह सूरी का साम्राज्य पश्चिम में खैबर पख्तूनख्वा से पूरब बंगाल तक था.
इसी काल में यातायात को आसान करने के लिए शेरशाह सूरी ने डेहरी स्थित सोन नदी में पत्थर की सड़क व पुल का निर्माण कराया था. यह पुल करीब 475 साल पुराना है.
इस सड़क व पुल को संरक्षित करने की कवायद प्रशासन ने शुरू कर दी है. पिछले दिनों निवर्तमान डीएम पंकज दीक्षित ने सोन नदी पर स्थित पुल व सड़क का निरीक्षण किया था.
इसके बाद डेहरी अंचल कार्यालय ने पुल व सड़क की मापी करायी है. पैमाइश की रिपोर्ट अंचल कार्यालय ने भूमि सुधर उप समाहर्ता डेहरी को सौंपी है.
पैमाइश रिपोर्ट के अनुसार, सोन नदी में पत्थर पथ की लंबाई सोन नदी के अरार से अंतिम सीमा तक 6732 फुट यानी कुल 2052 मीटर है.
सोन नदी के अरार से पत्थर पुल की लंबाई 616 फुट है व पत्थर पटिया पथ की चौड़ाई 15 फुट छह इंच है.
पर्यटकों के लिए बनेगा आकर्षण का केंद्र
हालांकि, यह पुराना पुल यातायात के लिए उपयोगी नहीं है. लेकिन, इसकी प्राचीनता इसे दर्शनीय बनाती है.
इसी परिप्रेक्ष्य में प्रशासन ने इसके रखरखाव के साथ संरक्षित करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है.
लाल पत्थरों से बने सड़क व पुल पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेंगे. पुल व सड़क से सुबह व शाम सोन नदी की छटा को आज भी स्थानीय लोग निहारने के लिए पहुंचते हैं.
Posted by Ashish Jha